Ayodhya: 155 देशों और 7 महाद्वीप के पवित्र जल से होगा निर्माणाधीन राम मंदिर का जलाभिषेक, मौजूद रहेंगे विदेशी मेहमान
रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या. सप्तपुरीओं में एक प्रभु राम की नगरी अयोध्या मठ मंदिरों की वजह से पूरे विश्व में विख्यात है. लेकिन हम बात आगामी 23 अप्रैल की तैयारियों को लेकर करने जा रहे हैं. दरअसल आगामी 23 अप्रैल को अयोध्या में पहली बार विश्व के 155 देशों के जल का संग्रह होगा. कार्यक्रम में इसके अलावा विदेश के भी मेहमान शामिल होंगे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह होंगे. तो चलिए जानते हैं आखिर क्या है पूरा कार्यक्रम .
दिल्ली के स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष और दिल्ली के पूर्व विधायक विजय जौली में अगस्त 2020 को एक प्रण लिया था कि पूरे विश्व के पवित्र नदियों और समुद्रों का जल एकत्रित करके बन रहे निर्माणाधीन मंदिर का जलाभिषेक करेंगे. हालांकि विजय जॉली की मानें तो अभी तक विश्व के 155 देशों समेत सात महाद्वीपों की नदियां और समुद्रों का जल भारत में लाया गया है और उसे एकत्रित किया गया है. तांबे के लोटे में बाकायदा अलग-अलग देशों के झंडे के साथ हरि की पैड़ी पर पैक भी कराया गया है. आपको बताते चलें जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए भूमि पूजन किया था, तो उस दौरान तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी पूरे 23 से पवित्र नदी और पवित्र जगहों के मिट्टी को लाने का आह्वान किया था. जिसके बाद पूरे देश के लोगों ने राम मंदिर निर्माण में पूरे देश के पवित्र नदी के जल और मिट्टी लेकर अयोध्या पहुंचे थे. ठीक उसी तरह पहली बार अयोध्या में विश्व के 155 देशों के पवित्र जल से रामलला का 23 अप्रैल को जलाभिषेक किया जाएगा.
तांबे के बर्तन में पैक
155 देशों से जिसमें मॉरीशस, ट्रीनिडा, रशिया ,यूक्रेन मलेशिया, थाईलैंड यूक्रेन समेत सात महाद्वीपों के जल को एकत्रित किया गया है. जल एकत्रित करने वाले दिल्ली के स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष विजय जौली बताते हैं कि अगस्त 2020 में इस बात का प्रण लिया था कि विश्व भर के नदियों और समुद्रों का जल हम भारत में एकत्रित करेंगे और उस जल से राम मंदिर प्रभु श्री राम के जलाभिषेक करेंगे. हमने विश्व के 155 देशों का जल भारत में एकत्रित किया है इसके ऊपर एक वीडियो फिल्म भी बनाई गई है जो 23 अप्रैल के कार्यक्रम में हम प्रदर्शित भी करेंगे. प्रत्येक देश के जल को तांबे के लोटे में सील पैक करके रखा गया है. हरिद्वार की हरकी पैड़ी पर करवाया गया है. प्रत्येक लोटे पर उस देश का नाम और झंडे का स्टीकर भी लगा है. भगवे रंग के रीवेन से हर एक लोटे को सजाया गया है क्योंकि यह हमारी आस्था का विषय है .
आपके शहर से (अयोध्या)
अलग-अलग जगहों से जल और मिट्टी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बताते हैं कि 5 अगस्त 2020 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के कार्य को आरंभ करने आए थे तो हमने भारतवर्ष के कार्यकर्ता से कहा था. अपने-अपने क्षेत्रों के पवित्र नदियों से जल और अपने-अपने क्षेत्रों के प्रमुख स्थानों का मिट्टी अयोध्या लेकर आए उस समय लगभग 1000 स्थानों से जल और मिट्टी आया था अंडमान निकोबार से भी आया था गंगासागर से भी आया था. उस जल से उस स्थान को संचित किया गया था. चंपत राय ने कहा कि अनेक देशों के लोगों ने आने की सूचना भी दी है. मणिराम छावनी के सभागार में सामूहिक आयोजन किया. जिसमें संत महंत भी शामिल होंगे इसके साथ राम जन्मभूमि परिसर तक सब लोग जाएंगे रामलला का दर्शन करेंगे और अपने-अपने देशों का जल मंदिर निर्माण स्थल में चारों तरफ भगवान को समर्पित करेंगे.
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Tags: Ram Temple, Ram Temple Ayodhya
FIRST PUBLISHED : April 07, 2023, 14:54 IST