Match Fixing Cricket IPL Fourth Major Betting Turnover League in World 13 Cricket matches in Suspicion | क्या साल 2022 में फिक्स थे इतने क्रिकेट मैच? IPL से पहले सामने आया खेल की दुनिया का बड़ा सच
Match Fixing: खेल की दुनिया में मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी दो ऐसे काले सच हैं जिन्हें कभी कोई झुठला नहीं सकता है। कितना भी कह दिया जाए कि अब खेल इसके साए से दूर है लेकिन ऐसा पूरी तरह या फिर कहें 100 प्रतिशत कर पाना संभव नहीं हो पाता है। इसी को लेकर एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिसने एक बार फिर से खेल की दुनिया का ढुंढला सच सभी के सामने ला दिया है। इसके मुताबिक साल 2022 में कुल 1212 इंटरनेशनल मैच शक के दायरे में थे। यह संख्या 2021 के मुकाबले 34 प्रतिशत बढ़ी थी। 2022 में कुल 8 लाख 50 हजार मैचों पर नजर रखी गई थी जिसमें से 1200 से अधिक संदिग्ध पाए गए।
31 मार्च से भारत में आईपीएल के 16वें संस्करण का आगाज होना है। साल 2013 में हुई कथित स्पॉट फिक्सिंग के बाद से बीसीसीआई काफी अलर्ट भी है। यह रिपोर्ट उस वक्त सामने आई है जब आईपीएल शुरू होने में एक हफ्ते से भी कम समय बचा है। यह रिपोर्ट पब्लिश की है स्पोर्ट रडार के द्वारा जिसमें विस्तार से पूरी संख्या बताई गई है। इसके अनुसार साल 2022 में संदिग्ध पाए गए 1212 मैचों में 12 खेल शामिल हैं और 92 देशों व पांच उपमहाद्वीपों में यह मुकाबले खेले गए थे। इसके तहत सभी बड़े टूर्नामेंट शक के घेरे में आ जाते हैं। क्योंकि साल 2022 में फुटबॉल का फीफा वर्ल्ड कप भी हुआ था। महिला और पुरुष क्रिकेट टीमों का वर्ल्ड कप व एशिया कप भी हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा मैच फुटबॉल के संदेह के घेरे में हैं। जबकि क्रिकेट के भी कई मुकाबले इस सूची में शामिल हैं।
फुटबॉल की दुनिया में हुआ सबसे ज्यादा ‘खेल’?
दरअसल ‘स्पोर्टरडार इंटेग्रिटी सर्विसेज’ की ओर से एक विस्तृत रिपोर्ट Betting, Corruption & Match Fixing के नाम से जारी की गई है। इसके डाटा के अनुसार साल 2022 में कुल 775 फुटबॉल मैच, 220 बास्केटबॉल मैच और 13 क्रिकेट मैच संदेह के घेरे में थे। अगर एरिया वाइज बात करें तो इसके मुताबिक सबसे ज्यादा मैच यूरोप में 630, एशिया में 240 और साउथ अमेरिका में 225 संदिग्ध थे। अगर इस आंकड़े की बात करें तो इन तीन खेलों के अलावा 2019 तक 7 अन्य खेलों में 130 संदिग्ध मामले सामने आए थे। पर 2022 में यह आंकड़ा 11 खेलों में 437 तक पहुंच गया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किसी भी मैच में किसी संदिग्ध हरकत का पता लगाने के लिए कंपनी द्वारा यूनिवर्सल फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम (UFDS) एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया गया था।
फुटबॉल
क्रिकेट की दुनिया में हुआ कितना करप्शन?
इस रिपोर्ट में कई ग्राफिक्स दर्शाए गए हैं जिसके मुताबिक साल 2022 में कुल 13 क्रिकेट मैच संदेह के घेरे में पाए गए हैं। अगर क्रिकेट से जुड़ा एक हालिया वाकिया याद करें तो महिला टी20 वर्ल्ड कप के दौरान बांग्लादेश के एक चैनल जमुना टीवी के द्वारा एक रिपोर्ट पब्लिश की गई थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि दो बांग्लादेशी क्रिकेटर कुछ बात करती पकड़ी गई थीं। इनमें से एक का वर्ल्ड कप टीम में चयन नहीं हुआ था और एक टीम का हिस्सा थीं। इसकी रिपोर्ट आईसीसी को भी भेजी गई थी। फिलहाल खास बात यह आई है कि जो भी क्रिकेट के मैच संदेह के घेरे में रहे उनमें से भारत में कोई भी मैच नहीं था। स्पोर्टरडार ने अपनी इस रिपोर्ट में यह भी बताया कि आईपीएल मैचों के दौरान सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग जैसे करप्शन का पता लगाने के लिए 2020 में बीसीसीआई की भ्रष्टाचार-रोधी इकाई के साथ साझेदारी भी की थी।
किस लीग से आता है कितना बेटिंग टर्नओवर?
सट्टेबाजी इन दिनों आम बनती जा रही है। जब यह हाईलेवल पर पहुंचती है तो यही मैच फिक्सिंग का भी रूप ले लेती है। इस रिपोर्ट में दिखाए गए डाटा के अनुसार करीब 135 मिलियन यूरो यानी करीब 1200 करोड़ रुपए का बेटिंग टर्नओवर यानी सट्टेबाजी की कमाई आईपीएल से आती है। जो कि दुनियाभर की सभी लीग के हिसाब से चौथी सबसे ज्यादा रकम है। वहीं ओवरऑल खेलों के हिसाब से क्रिकेट से पांचवें नंबर पर सबसे ज्यादा 67 मिलियन यूरो सट्टेबाजी का टर्नओवर आता है।
बेटिंग टर्नओवर के मामले में टॉप-5 लीग
- UEFA चैंपियंस लीग- €225 million
- इंग्लिश प्रीमियर लीग- €202 million
- नेशनल फुटबॉल लीग- €138 million
- आईपीएल- €135 million
- स्पेनिश ला लिगा- €95 million
साल 2023 में बढ़ेगी करप्ट मैचों की संख्या?
इस रिपोर्ट के कंक्लूजन यानी उपसंहार में यह बताया गया है कि साल 2023 में जो संख्या इस साल 1212 है उसमें इजाफा हो सकता है। यानी इस साल और भी ज्यादा करप्ट मैच हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक अनिश्चितता के कारण यह संख्या बढ़ सकती है। इस मामले में यूरोप इस साल भी टॉप पर रह सकता है। इसके अलावा एशिया और साउथ अमेरिका दूसरे स्थान पर रहे सकते हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि, जो खिलाड़ी अपने रिटायरमेंट के नजदीक हैं उन्हें मैच फिक्सिंग का लालच दिया जा सकता है। यह खेल की दुनिया के लिए मैच फिक्सिंग और खेल में करप्शन को रोकने के लिए बड़ा चैलेंज साबित होगा।
नोट: इस खबर में किसी भी मैच को फिक्स नहीं बताया गया है बल्कि संदेह के घेरे में कहा गया है। साथ ही इसमें दिखाया गया पूरा डाटा स्पोर्टरडार की ग्राफिक्स रिपोर्ट का है। इस रिपोर्ट में भी बताया गया है कि यह डाटा पूरी तरह हो सकता है सही ना हो लेकिन काफी हद तक यह पता लगाने के लिए सही है कि मैच फिक्सिंग कितने रेट से होती है।