Increase EMI or invest in SIP Follow this full proof advice you will buy another new house | EMI बढ़ाएं या SIP में पैसा लगाएं? मान लें ये फुल प्रूफ सलाह, खरीद लेंगे एक और नया घर
होम लोन लेना और म्यूचुअल फंड एसआईपी शुरू करना दोनों व्यक्तिगत वित्तीय निर्णयों की कैटेगरी में आते हैं जो व्यक्तिगत आवश्यकताओं पर आधारित होते हैं। एसआईपी के जरिए आप नियमित अंतराल पर छोटी राशि से मासिक निवेश शुरू कर सकते हैं। इसके विपरीत होम लोन ईएमआई के मंथली पेमेंट में बदलाव कर जल्द इससे छूटकारा पा सकते हैं। इससे आपको होम लोन पर हर महीने देने पड़ रहे टैक्स से पैसा सेव हो जाते हैं।
वित्तीय सलाहकार सलाह देते हैं कि आपको आम तौर पर अपने एसआईपी को सालाना कम से कम 10 फीसदी बढ़ाना चाहिए। अपने एसआईपी को बढ़ाकर बढ़ती महंगाई का मुकाबला कर सकते हैं। हालांकि आज हम उस स्थिति के बारे में बात करेंगे, जहां आपके पास होम लोन और म्यूचुअल फंड एसआईपी है। इस स्थिति में आपको किसे बढ़ाना चाहिए? आपके होम लोन पर ईएमआई या एसआईपी राशि? आइए जानते हैं।
होम लोन ईएमआई बढ़ाना कितना फायदेमंद?
एक एक्सपर्ट ने मीडिया बातचीत में इसको लेकर जानकारी दी। मान लीजिए आपने 20 साल के लिए 8.5% ब्याज पर 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है, तो आपकी मासिक ईएमआई 43,391 रुपये होगी और आप कुल 54,13,897 रुपये का ब्याज चुकाएंगे।
आपकी आय में वार्षिक वृद्धि के साथ हर साल अपनी ईएमआई मासिक 5% बढ़ाने पर विचार करें, इससे आपको ब्याज लागत पर 19.5 लाख तक की बचत करने में मदद मिलेगी और आपकी ऋण अवधि लगभग 7.5 वर्ष कम हो जाएगी। इसके अलावा आयकर नियमों के अनुसार, आप एक वित्तीय वर्ष में भुगतान की गई मूल राशि के लिए धारा 80सी के तहत ₹1.5 लाख तक का टैक्स क्लेम कर सकते हैं और प्रत्येक साल धारा 24(बी) के तहत ब्याज राशि पर ₹2 लाख तक का दावा कर सकते हैं।
एसआईपी बढ़ाना बेहतर विकल्प?
मान लीजिए कि आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड में 20 साल के लिए 40,000 रुपये प्रति माह का SIP शुरू किया है, 12% का सीएजीआर मानते हुए और अपनी आय में वार्षिक वृद्धि के साथ आपने अपने एसआईपी को 5% तक बढ़ाने का फैसला किया है। हर साल तब आप 5,49,50,493 रुपये का कोष बनाने में सक्षम होंगे, जो 3,90,78,835 रुपये है, आपके 1,58,71,658 रुपये के निवेश पर संभावित पूंजीगत लाभ बनाम 3,03 रुपये के संभावित लाभ के रूप में 65,917 रुपये यदि आप हर साल अपना एसआईपी नहीं बढ़ाते हैं तो यह लाभ में 87,12,918 रुपये का अंतर है। आषान भाषा में कहें तो जितना आप ब्याज ईएमआई पर भरते हैं उससे दोगुना के करीब आप एसआईपी में निवेश कर कमा लेते हैं। इसलिए SIP एक बेहतर ऑप्शन आपके लिए हो सकता है।