Budget 2023: Small to big industries have many expectations from the Finance Minister’s bundle, read the demands of major industries here| Budget 2023: वित्तमंत्री की पोटली से छोटे से लेकर बड़े उद्योग
कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनियाभर में मंदी की आशंका के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था की यह गति बरकरार रहे, इसके लिए प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत महसूस की जा रही है। भारतीय उद्योग जगत का मानना है कि आगामी आम बजट में सरकार की ओर से छोटे से बड़े इंडस्ट्रीज को प्रोत्साहन देने से बाजार में मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे अर्थव्यवस्था का पहिया और तेजी से घूमेगा। कोरोना का साया खत्म होने से इस बार अलग-अलग सेक्टर को केंद्रीय बजट 2023 से काफी उम्मीदें हैं। अलग-अलग सेक्टर अपने ग्रोथ और विकास के लिए वित्त मंत्री से नए ऐलान की उम्मीदें लगाए हुए हैं। आइए, जानते हैं कि अगामी आम बजट से प्रमुख सेक्टर की क्या है मांगे…
ईवी बैटरी पर सीमा शुल्क घटाया जाए
कोमाकी इलेक्ट्रिक व्हीकल डिवीजन के डायरेक्टर, गुंजन मल्होत्रा ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र हाल के वर्षों में बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। भारत के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए सरकार को ईवी पर के नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। ईवी के प्रमुख घटक बैटरी है। हमारी मांग है कि वित्त मंत्री आगामी केंद्रीय बजट में बैटरी सेल पर सीमा शुल्क घटाएं, जिससे ईवी की कीमत कम होगी। यह भारतीय ईवी उद्योग में क्रांति लाने का काम करेगा। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के स्पेयर पार्ट्स पर एक समान 5 प्रतिशत जीएसटी, पीएलआई योजना में स्टार्टअप और एमएसएमई को शामिल करना, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी देने का ऐलान बजट में करने की जरूरत है।
मोटर पाट्र्स पर एक सामान जीएसटी लगे
मोटर पाट्र्स कंपनी स्टीलबर्ड इंटरनेशनल के कार्यकारी निदेशक, मानव कपूर ने बताया कि हम बजट में वित्त मंत्री से मोटर पाट्र्स पर एक सामान जीएसटी लाने की मांग करते हैं। अभी अधिकांश मोटर पाट्र्स पर 18 फीसदी तो कुछ पर 28 फीसदी जीएसटी वूसला जा रहा है। इससे बिलिंग में समस्या आ रही है। एक सामान जीएसटी करने से रेवन्यू ग्रोथ भी होगा और कंपनियों को परेशानी से भी हल मिलेगा।
बैटरी और ईवी गाड़ी पर एक सामान लगे जीएसटी
शेरू कंपनी के सीईओ, अंकित मित्तल ने कहा कि हम वित्त मंत्री से ईवी पर एक सामान जीएसटी लागू करने की मांग करते हैं। अभी ईवी 5% जीएसटी और बैटरी स्वैपिंग 18% जीएसटी है। इसे एक समान करने से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही भारत में ईवी के लिए बहुत से सामान देश के बाहर से मंगाया जा रहा है और इससे लागत बढ़ जाती है। भारत के ईवी क्षेत्र के लिए भविष्य के लिए खुद को स्थापित करने के लिए, घरेलू उत्पादन पर जोर दिया जाए। इसके लिए इसे पीएलआई में शामिल किया जाए।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड का आवंटन जरूरी
सायरा इलेक्ट्रिक ऑटो प्राइवेट लिमिटेड के पंबंध निदेशक, नितिन कपूर ने कहा कि बजट से हम फिर फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) योजना को शुरू करने की मांग कर रहे हैं। FAME-II के तहत, ACC बैटरी सहित बजट 2022-23 के दौरान कुल 44,038 करोड़ रुपये की PLI (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजनाओं की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही बैटरी पर जीएसटी घटाने की भी हम उम्मीद कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार को वाहन स्क्रैपेज नीति के बारे में जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करने पर भी विचार करना चाहिए। 2023 के बजट को उन्नत बैटरी के अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) के लिए विशिष्ट अनुदान के साथ देश में एक मजबूत ईवी बैटरी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए रणनीति तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।