3 shooters were sent to kill former Pakistan PM Imran Khan PTI leader makes shocking claim। ‘पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की हत्या के लिए भेजे गए थे 3 शूटर’, पीटीआई नेता ने किया चौंकाने वाला दावा
लाहौर: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी और पंजाब सरकार ने बुधवार को चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की जिस तरह से हत्या की गई थी, उसी तर्ज पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या के लिए 3 शूटर भेजे गए थे। पंजाब के गृह मंत्री उमर सरफराज चीमा और पीटीआई के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने कहा कि खान पर तीन नवंबर को हुए हमले की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने पाया है कि खान की हत्या के लिए कम से कम तीन शूटर भेजे गए थे, जिन्होंने उनके पैर में तीन गोलियां मारीं।
पाकिस्तान के पहले पीएम की हत्या की तर्ज पर रची गई साजिश
चौधरी ने कहा कि हत्या की साजिश पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की हत्या की तर्ज पर रची गई थी। 1951 में रावलपिंडी में एक सभा को संबोधित करने के दौरान लियाकत अली खान के सीने में दो बार गोली मारी गई थी। उनके हत्यारे को भी पुलिस ने मौके पर ही मार गिराया था। चौधरी ने कहा, ‘मुख्य संदिग्ध मुहम्मद नवीद, जिसे इमरान खान पर गोली चलाने के बाद पकड़ा गया था, को एक अन्य शूटर खत्म करने वाला था। नवीद के पास खड़े एक पीटीआई कार्यकर्ता को गोली लगी थी, जिसे वास्तव में उस शूटर को मारने के लिए चलाया गया था और शूटर पर निशाना चूकने के कारण ही गोली कार्यकर्ता को लग गई थी। तीन अलग-अलग हथियारों का इस्तेमाल किया गया क्योंकि हमले में कई शूटर थे।’
पुलिस को अब भी 2 शूटरों की तलाश
चौधरी ने कहा कि पुलिस अब भी 2 शूटरों की तलाश कर रही है। हालांकि जेआईटी ने जमीन से 14 , एक इमारत में 12, एक अन्य जगह से नौ और दूसरी जगह से सात गोलियां बरामद की हैं। उन्होंने कहा कि खान पर तीन नवंबर को लाहौर से करीब 150 किलोमीटर दूर पंजाब प्रांत के वजीराबाद इलाके में उनकी पार्टी की रैली के दौरान तीन गोलियां लगी थीं। कुल 13 लोगों को गोली लगी है।
उन्होंने कहा, ‘फॉरेंसिक प्रयोगशाला के अनुसार, नवीद की बंदूक से इमरान खान को तीन गोलियां लगी थीं। खान के सुरक्षाकर्मियों की ओर से कोई गोली नहीं चलाई गई, जैसा कि पीएमएल-एन नेताओं द्वारा प्रचारित किया गया था।’ मंत्री और पूर्व सूचना मंत्री दोनों ने मामले में गुजरात के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की भूमिका को संदिग्ध करार दिया। चौधरी ने कहा कि गुजरात के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) को वजीराबाद में पीटीआई की रैली के दौरान खान की सुरक्षा के इंतजाम करने थे, लेकिन ये पर्याप्त नहीं था। (इनपुट: एजेंसी)