बेअंत सिंह हत्याकांड: केंद्र को SC का निर्देश- 2 महीने में करें बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका पर फैसला
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी बलवंत सिंह राजोआना की क्षमा याचिका पर 2 महीने में फैसला करने को कहा है. बलवंत सिंह राजोआना को विशेष अदालत ने वर्ष 2007 में मौत की सजा सुनाई थी. वह 26 वर्षों से जेल में बंद है और 9 साल से उसकी दया याचिका केंद्र सरकार के पास पेंडिंग है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राजोआना की माफी पर 30 अप्रैल तक फैसला लेने का समय दे रखा था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बलवंत सिंह राजोआना की जेल से रिहाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब पूर्व सीएम की हत्या के मामले में दोषी राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया जाए. इससे पहले, पंजाब से ही कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने राजोआना की रिहाई की मांग पर कड़ा विरोध जताया था.
आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार को बलवंत सिंह राजोआना को लेकर कहा कि आतंकवाद से पीड़ित होने के नाते मैं अपने सहयोगी रवनीत बिट्टू का दर्द समझता हूं, लेकिन एक वकील और पंजाब के सांसद के रूप में मेरा विचार है कि अब हमें आगे बढ़ना चाहिए. राजोआना 26 साल जेल की सजा काट चुका है. वह 2007 से मौत की सजा का सामना कर रहा है और जेल में बंद है, ऐसे में उसकी फांसी को उम्रकैद में बदलने का समय आ गया है.
कांग्रेस सांसद रवनीति सिंह बिट्टू ने किया विरोध
इससे पहले, बेअंत सिंह के पोते और लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बलवंत सिंह राजोआना को राहत न देने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि राजोआना को रिहाई दी गई तो पंजाब के भविष्य पर विनाशकारी असर पड़ सकता है. बिट्टू ने पत्र में लिखा था कि एक मुख्यमंत्री के हत्यारे को क्षमादान देने का कोई भी फैसला बहुत ही गलत संदेश देगा. यह देश के दुश्मनों को हमारी मातृभूमि के खिलाफ भयावह साजिशों को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित करेगा. बिट्टू ने यह पत्र शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खत के जवाब में लिखा था.
सुखबीर सिंह बादल ने पीएम को लिखा था पत्र
आपको बता दें कि सुखबीर सिंह बादल ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बलवंत सिंह राजोआना की रिहाई की मांग की थी. उन्होंने लिखा था कि 2019 में श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री ने 8 सिख बंदियों को रिहा करने का वादा किया था. ये ऐसे सिख कैदी थे, जो जेल में 20 साल से ज्यादा सजा काट चुके हैं. प्रधानमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप कर राजोआना की रिहाई की प्रक्रिया को तेज करवाएं. इस पर कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने एक ट्वीट किया कि सुखबीर बादल उस आतंकवादी की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जिसने पंजाब के एक मुख्यमंत्री सहित 17 लोगों को बम से उड़ा दिया था.
पूर्व CM बेअंत सिंह पर 1995 में हुआ बम हमला
पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर 31 अगस्त 1995 को हुए विस्फोट में पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और 16 अन्य की मौत हो गई थी. इस मामले में बलवंत सिंह राजोआना को विशेष अदालत ने 2007 में मौत की सजा सुना चुकी है. इसके दो साल बाद राजोआना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके केंद्र सरकार को मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने पर अमल का आदेश देने की गुहार लगाई थी. इसी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 30 अप्रैल तक राजोआना की रिहाई पर फैसला लेने का निर्देश दिया था, जिसे अब 30 जून तक बढ़ा दिया है.
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Tags: Central government, Punjab, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : May 02, 2022, 13:36 IST