ड्रोन की आसान उपलब्धता ने सुरक्षा बलों की बढ़ाई चुनौतियां: जनरल नरवणे_diy-drones-can-be-easily-used-by-state-non-state-actors-army-chief– News18 Hindi
अब आर्मी चीफ ने कहा है-भविष्य में युद्ध के दौरान स्टेट और नॉन-स्टेट एक्टर्स की तरफ से ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ेगा. हमें भविष्य के लिए इस बात को ध्यान में रखकर योजनाएं बनानी पड़ेंगी. हम ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयारियां कर रहे हैं. हम ड्रोन के आक्रामक इस्तेमाल और खतरे को टालने के लिए एंटी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
बता दें कि ड्रोन की आसान उपलब्धता की वजह से सुरक्षा एजेंसियों को पहले ही किसी ‘आसमानी आफत’ का अंदेशा हो गया था. यही कारण है कि भारत की तरफ से एंटी ड्रोन सिस्टम पर काम करना शुरू कर दिया था. DRDO ड्रोन और एंटी ड्रोन दोनों ही तकनीक पर काफी पहले से शुरू कर चुका था और इसकी तैनाती भी कई मिलिट्री इंस्टालेशन में की जा चुकी है. पहली बार डीआरडीओ के इस एंटी ड्रोन की जानकारी सार्वजनिक तब हुई जब 74वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान के लालकिले पर किसी भी ड्रोन के हमले की आशंका को देखते हुए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किया था. इस सिस्टम का नाम था लेजर बेस्ड डायरेक्टेड एनर्जी वेपन.
सेना के तीनों अंगों में एंटी ड्रोन सिस्टम पर काम जारी
खुद सीडीएस बिपिन रावत ने माना है कि भविष्य में युद्ध के लिए खुद को तैयार रखना होगा. जम्मू में हुआ ड्रोन अटैक चिंताजनक जरूर है और हमें इस बात का अंदेशा था. और इसी के मद्देनजर भारत ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी थीं. डीआरडीओ के पास ये तकनीक मौजूद है. ड्रोन के खतरे को देखते हुए भारतीय सेना के तीनो अंगों की तरफ से भी एंटी ड्रोन तकनीक लेने की कवायद को भी तेज किया गया है.