चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पूरे हुए 100 साल, भारतीय वाम दलों ने दी बधाई
उन्होंने लेनिन के एक कथन का उल्लेख करते हुए कहा, ‘माकपा लगातार इसे रेखांकित करती है कि मार्क्सवाद-लेनिनवाद एक रचनात्मक विज्ञान है. यह सर्वोच्च रूप से हठधर्मिता विरोधी है. इसे किसी तय दायरे में नहीं बांधा जा सकता.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक लंबे इतिहास में सीपीसी ने गलतियां की हैं, लेकिन उसने इन्हें सही किया और दोबारा होने की आशंका को भी खत्म किया.
डी. राजा ने चीन के बड़ी आर्थिक ताकत बनने का उल्लेख किया
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी राजा ने जिनपिंग को लिखे एक अलग पत्र में चीन के बड़ी आर्थिक ताकत बनने का उल्लेख किया और इसमें योगदान के लिए चीनी राष्ट्रपति की सराहना की. उन्होंने कोरोना वायरस महामारी से निपटने को लेकर चीन की तारीफ की, लेकिन भारत-चीन संबंधों में तनाव का भी उल्लेख किया.
माओ त्से तुंग ने एक जुलाई 1921 को सीपीसी की स्थापना की थी
राजा ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच के मुद्दों को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि माओ त्से तुंग ने एक जुलाई 1921 को सीपीसी की स्थापना की थी और बृहस्पतिवार को इसके अस्तित्व में आए 100 वर्ष पूरे हो गए. 1949 में ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ (पीआरसी) के गठन के बाद से ही यह सत्ता में है.