तीसरा मोर्चा बनाकर UPA-NDA का विकल्प बनेंगे पवार? जानें क्या दिया जवाब
जब उनसे पूछा गया कि क्या वो संयुक्त विपक्ष का चेहरा होंगे तो जवाब मिला-हमने अभी तक इस बात पर चर्चा नहीं की है लेकिन मुझे लगता है कि अभी सामुहिक नेतृत्व के साथ चलना चाहिए. मैंने ये लंबे समय तक किया है लेकिन इस वक्त मैं सबको साथ लेकर चलने पर ध्यान दूंगा. जिससे सबको गाइड कर सकूं और मजबूत बना सकूं.
बता दें कि 22 जून को शरद पवार के घर पर विपक्षी नेताओं की बैठक हुई थी. इस बैठक में यशवंत सिन्हा, पवन वर्मा, संजय सिंह, डी राजा, उमर अब्दुल्ला, जस्टिस एपी शाह, गीतकार जावेद अख्तर, केटीएस तुलसी, करन थापर, एडवोकेट मजीद मेमन, सांसद वंदना चव्हाण, एसवाई कुरैशी, संजय झा, सुधेंदु कुलकर्णी, अर्थशास्त्री अरुण कुमार, प्रीतीश नंदी, नीलोत्पल बसु, जयंत चौधरी और घनश्याम तिवारी शामिल हुए.
इस बैठक के एक दिन पहले सोमवार को प्रशांत किशोर और शरद पवार की मुलाकात के बाद ऐसा कहा जा रहा था कि पवार देश में तीसरे मोर्चे को तैयार करने की कवायद तेज करते हुए यह बैठक की गई. मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 2018 में यशवंत सिन्हा ने राष्ट्रमंच का गठन किया था. सिन्हा अब टीएमसी के उपाध्यक्ष हैं.
एनसीपी नेता मजीद मेमन ने बैठक के बाद कहा था कि बैठक राष्ट्र मंच के प्रमुख यशवंत सिन्हा ने बुलाई थी और राष्ट्र मंच के सभी संस्थापक सदस्यों और कार्यकर्ताओं की मदद से बुलाई गई थी. मेमन ने कहा कि मीडिया में ऐसा कहा जा रहा था कि राष्ट्र मंच की ये बैठक शरद पवार ने बीजेपी विरोधी राजनैतिक पार्टियों को एकजुट करने के लिए आयोजित की है. ये पूरी तरह से गलत है. मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि यह बैठक पवार के घर पर हुई थी लेकिन उन्होंने इस बैठक को आयोजित नहीं किया था.