आज जलवायु परिवर्तन पर होगी बात, पीएम मोदी भी देंगे अहम संदेश
वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि सात अमीर देशों के समूह जी-7 ने दुनिया के गरीब देशों को कोविड-19 रोधी टीके की एक अरब खुराकें मुहैया कराने का संकल्प लिया है. दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में रविवार को जी-7 के नेताओं के शिखर सम्मेलन के समापन पर जॉनसन ने कहा कि सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय ‘कोवैक्स’ पहल के जरिए टीकों की आपूर्ति की जाएगी
भारतीय विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पी हरीश ने कहा, G7 और अतिथि देशों के नेताओं ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार की आवश्यकता पर विस्तृत चर्चा की. भारत वर्तमान महामारी से निपटने से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर जी20, जी7 और विश्व स्वास्थ्य सभा के स्तर पर अंतरराष्ट्रीय समुदायों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है.
दुनिया के नेताओं और जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में पहुंचे अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए सैकड़ों पर्यावरण प्रदर्शनकारियों ने शनिवार की सुबह कोर्निश समुद्र तट पर प्रदर्शन किया. कुछ प्रदर्शनकारी समुद्र में चले गए, जबकि अन्य प्रदर्शनकारी नेताओं के चेहरे के मुखौटे पहनकर बीच पर धूप में बैठे रहे.
‘सर्फर्स एगेंस्ट सीवेज’ समूह की ओर से आयोजित सामूहिक विरोध के लिए फालमथ के एक बीच पर सर्फर्स, कैकर और तैराकों की भीड़ शनिवार को एकत्र हुई, जो महासागरों की सुरक्षा के लिये और अधिक काम किये जाने पर अभियान चला रहा है. जी—7 की बैठक सेंट आइव्स शहर में हो रही है,जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अलावा समूह के अन्य समृद्ध लोकतांत्रिक देशों के नेता हिस्सा ले रहे हैं. इस बैठक का मुख्य मुद्दा कोरोना वायरस महामारी और जलवायु परिवर्तन है.
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Narendra Modi at G7 Summit LIVE Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 समिट को आज एक बार फिर संबोधित करेंगे. इससे पहले पीएम मोदी ने कल कोरोना वायरस महामारी से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण को अपनाने का आह्वान किया. इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 रोधी टीकों के लिए पेटेंट छोड़ने को लेकर जी-7 के देशों के समर्थन का भी आग्रह किया. दुनिया के सात शक्तिशाली देशों के समूह जी-7 यूनाइटेड किंगडम (यूके), कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, और संयुक्त राज्य अमेरिका (US) शामिल हैं. वहीं भारत इसमें विशेष न्योते पर शामिल हो रहा है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल ये देश तीन दिवसीय सम्मेलन के आखिरी दिन आज जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्यों पर बात करेंगे.