UP में बढ़ सकती है कांग्रेस की मुश्किलें, जितिन प्रसाद के बाद कई और नेता छोड़ सकते हैं पार्टी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता में शुमार और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे जितिन प्रसाद बुधवार दोपहर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.
Congress Crisis in UP: कहा जा रहा है कि कि कांग्रेस के कई नेताओं को ये पता था कि जितिन प्रसाद जैसे नेता बीजेपी में जाने वाले हैं. लेकिन इसके बावजूद पार्टी की तरफ से उन्हें रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव (UP Assembly Election 2022) होने हैं. लिहाजा अभी से ही वहां की राजनीति में हलचल शुरू हो गई. खासकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) के बीजेपी में शामिल होने के बाद अटकलों का दौर शुरू हो गया है. राजनीतिक गलयारों में दावा किया जा रहा है कि प्रसाद के बाद कांग्रेस के कई और नेता 2022 के चुनाव से पहले पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं. बता दें कि पिछले कुछ सालों में कांग्रेस के कई बड़े नेता- रीता बहुगुणा जोशी. जगदंबिका पाल और अब जितिन प्रसाद पाला बदल चुके हैं.
अंग्रेजी अखबार हिंन्दुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि कांग्रेस के कई नेताओं को ये पता था कि जितिन प्रसाद जैसे नेता बीजेपी में जाने वाले हैं. लेकिन इसके बावजूद पार्टी की तरफ से उन्हें रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले ‘आया राम गया राम’ यानी हर पार्टी के नेता पाला बदलते रहते हैं. उनके मुताबिक हाल के दिनों कांग्रेस को इसका सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने ये भी दावा किया कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के कई नेता विकल्प की तलाश में है.
इन दो विधायकों पर नज़र
जितिन प्रसाद के बाद हर किसी की निगाहें कांग्रेस के दो और विधायकों पर टिकीं हैं. ये हैं रायबरेली विधायक अदिति सिंह और हरचंदपुर के MLA राकेश सिंह. दावा किया जा रहा है कि इन दोनों का बीजेपी से अच्छा तालमेल है. लिहाजा इन दोनों की विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की भी कोशिश की गई थी. कांग्रेस के कई नेताओं ने इसके खिलाफ याचिका भी दी. लेकिन कुछ भी काम नहीं आया. अब कहा जा रहा है कि ये दोनों साल 2022 के चुनाव से पहले अपने-अपने विकल्प तलाश रहे हैं.ये भी पढ़ें:- G-7: ब्रिटेन में मिले दुनिया के बड़े नेता, कोविड से जंग में देंगे 1 अरब डोज!
मुश्किल में पार्टी
कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है पार्टी इन दिनों मुश्किल दौर से गुज़र रही है. एक अन्य नेता ने कहा, ‘कांग्रेस नेतृत्व को पार्टी संगठन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि पार्टी को सत्ता का दावेदार माना जाए.’
क्या काम नही पार्टी में बदलाव?
2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद, पार्टी ने सभी जिला और शहर इकाइयों को भंग कर दिया था. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी में सुधार के लिए एक बड़े कार्यक्रम की शुरुआत की थी. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में जिला और नगर इकाई के नेताओं की नई टीम चुनी गई. प्रियंका गांधी वाड्रा ने जनवरी 2020 में रायबरेली के भूमऊ गेस्टहाउस में नए पदाधिकारियों के लिए ट्रेनिंग के लिए आयोजिक कार्यक्रम में भाग लिया था. लेकिन पुनारे और नए नेताओं की बीच अभी छत्तीस का आंकड़ा है.