Government meet with google twitter on fake news – सरकार ने लगाई Twitter और Google को कड़ी फटकार, कहा
नई दिल्ली. फेक न्यूज (Fake News) के मामले में केंद्र सरकार की ट्विटर और गूगल (Twitter & Google) और तीखी बहस का मामला सामने आया है. अधिकारियों ने दोनों टेक कंपनियों से अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर फेक न्यूज को लेकर उठाए जा रहे कदमों को लेकर फटकार लगाई है. सूत्रों के मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने दोनों कंपनियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि फर्जी खबरों पर कार्रवाई करने के प्रति निष्क्रियता सरकार को सामग्री हटाने का आदेश देने के लिए मजबूर कर रही थी, जिसके चलते सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलनी पड़ रही थी कि अधिकारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech) को दबा रहे थे.
सूत्रों ने कहा सोमवार को वर्चुअल तौर पर हुई ये बैठक कुछ तनावपूर्ण रही जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के प्रशासन और अमेरिकी टेक कंपनियों के बीच संबंधों में पैदा हुई कमी को दर्शाता है. सूत्रों ने कहा कि हालांकि अधिकारियों ने बैठक में कंपनियों को कोई अल्टीमेटम जारी नहीं किया. सरकार तकनीकी क्षेत्र के नियमों को सख्त कर रही है, लेकिन चाहती है कि कंपनियां कंटेंट मॉडरेशन पर और अधिक काम करें.
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सरकार ने 55 अकाउंट्स को किया था ब्लॉक
यह बैठक दिसंबर और जनवरी में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा “आपातकालीन शक्तियों” का इस्तेमाल कर गूगल के यूट्यूब प्लेटफॉर्म और कुछ ट्विटर और फेसबुक खातों पर 55 चैनलों को ब्लॉक करने के आदेश के बाद हुई.
सरकार ने कहा था कि चैनल “फेक न्यूज” या “भारत विरोधी” सामग्री को बढ़ावा दे रहे थे और पाकिस्तान में स्थित अकाउंट्स द्वारा दुष्प्रचार फैलाया जा रहा था. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बैठक को लेकर किसी तरह की जानकारी नहीं दी है. इस बैठक में घरेलू कंटेट शेयरिंग प्लेटफॉर्म शेयरचैट और कू भी शामिल थे, जिनका इस्तेमाल देश में लाखों लोग करते हैं.
फेसबुक, जिसे अब मेटा के नाम से जाना जाता है, ट्विटर और शेयरचैट ने भी इस पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
बैठक पर टिप्पणी किए बिना, अल्फाबेट इंक के गूगल ने एक बयान में कहा कि वह सरकार के अनुरोधों की समीक्षा करता है और “जहां उपयुक्त होता है, स्थानीय कानूनों को ध्यान में रखते हुए सामग्री को प्रतिबंधित करना या हटाता है.” कू ने कहा कि यह स्थानीय कानूनों का अनुपालन करता है और इसके पास मजबूत सामग्री मॉडरेशन प्रथाएं हैं.
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