आखिर क्यों मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ सकतीं महिलाएं? ऐसा करना कट्टरपंथियों के लिए “अपराध”-Know why women cant offer namaz in mosques crime for extremists but common in these countries
ऐसा आमतौर पर माना जाता है कि इस्लाम धर्म में महिलाएं मस्जिद के भीतर नमाज नहीं पढ़ सकती हैं। लेकिन सऊदी अरब के मक्का में इस्लाम की सबसे पवित्र मस्जिद में महिलाएं तवाफ कर सकती हैं। कुछ दिन पहले सऊदी अरब सरकार ने हज करने के लिए दुनिया भर से आने वाली महिलाओं को बड़ी राहत दी थी। अब महिलाओं को हज या उमराह करने के लिए महरम (पुरुष साथी) की जरूरत नहीं है, जो पहले अनिवार्य था। भारत समेत दुनिया भर की कई मस्जिदों में महिलाओं को नमाज पढ़ने की इजाजत है। लेकिन इस्लामिक धर्मगुरु इसके कुछ नियम बताते हैं।
कुछ धर्मगुरुओं के मुताबिक, अगर महिलाएं ‘पाक’ हैं तो वो मस्जिद में नमाज पढ़ सकती हैं। वहीं, कुछ लोगों ने उनके मस्जिद में पुरुषों के साथ नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि अगर मस्जिद में महिला और पुरुष एक साथ नमाज पढ़ते हैं तो उनका ध्यान अल्लाह की जगह एक दूसरे पर हो सकता है। साल 2020 में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि पुरुषों की तरह महिलाओं को भी मस्जिद में प्रवेश करने और नमाज अदा करने की अनुमति है। लेकिन महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश करने और नमाज अदा करने को लेकर बहस के बीच कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां महिलाओं का मस्जिद में नमाज अदा करना आम बात है।
इन मस्जिदों में केवल महिलाएं पढ़ सकती हैं नमाज
भारत के कई हिस्सों में मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश और नमाज अदा करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के शाहतापोटा स्थित जननी मस्जिद में सिर्फ महिलाएं ही नमाज अदा करती हैं। सात साल पहले अमेरिका में भी ऐसी ही एक मस्जिद खोली गई थी। साल 2015 में अमेरिका के कैलिफोर्निया के लॉस एंजिलिस शहर में देश की पहली महिला मस्जिद खोली गई थी। कनाडा में महिलाएं मस्जिदों में भी नमाज अदा कर सकती हैं।
इन देशों में महिलाओं के लिए नमाज अदा करना आम बात
मलेशिया में भी महिलाओं को मस्जिदों में नमाज पढ़ने की इजाजत है। यहां की नेगारा मस्जिद में महिलाओं के लिए नमाज पढ़ने का एक अलग हिस्सा है। राजधानी कुआलालंपुर में महिलाओं के नमाज करने के दौरान बच्चों के खिलौनों से खेलने का भी स्थान है। ईरान की कुछ मस्जिदों में भी इसकी इजाजत है, जो साल 2013 में महिलाओं को दी गई थी। तुर्की, लंदन और सऊदी अरब कुछ ऐसे देश हैं, जहां महिलाओं का मस्जिदों में नमाज अदा करना आम बात है।