क्या दूसरी बार राष्ट्रपति की रेस में शामिल होंगे जो बाइडेन? योजना बन रही लेकिन घोषणा बाकी । Joe Biden May Participate presidential race for the second time Planning underway but yet to be announced
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एक बार फिर दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि इस बाबत अबतक घोषणा नहीं की गई है। एबीसी समाचार को दिए अपने इंटरव्यू में बाइडेन ने कहा है कि मैं राष्ट्रपति की रेस में दोबारा शामिल होने की योजना बना रहा है। लेकिन हम अभी इस बाबत घोषणा करने के लिए तैयार नहीं हैं। बता दें कि इससे पहले भी जो बाइडेन बोल चुके हैं कि उनका इरादा है कि वे दूसरी बार राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लें। लेकिन इसका फैसला वे परिवार से सलाह मशवरा लेने के बाद ही करेंगे।
क्या दोबारा चुनाव लड़ेंगे जो बाइडेन?
अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन ने फरवरी महीने में सीएनएन को दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि वे इस बात के लिए तैयार हैं कि जो बाइडेन दोबारा राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लें। हालांकि एक आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है, इस बात के संकेत हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के लिए दौड़ेंगे, अपनी उम्र के बारे में सवालों को धता बताते हुए, जिसमें उनकी अपनी पार्टी के सदस्य भी शामिल हैं। बाइडेन 80 वर्ष के हैं और 78 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पहले से ही अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं। यदि वह जीतते हैं, तो 2025 में दूसरा कार्यकाल शुरू होने पर वह 82 वर्ष के हो जाएंगे।
तीसरी बार चुनाव लड़ेंगे डोनाल्ड ट्रंप
बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति की चुनावी लड़ाई की तैयारी में हैं। जो बाइडेन के प्रमुख प्रतिद्वंदी ट्रंप वर्तमान में 76 वर्ष के हैं। लेकिन यदि वे चुनाव जीतते हैं तो उस समय उनकी आयु 78 वर्ष हो जाएगी। गौरतलब है कि साल 2020 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद कानूनी परेशानियों के बीच अब ट्रंप तीसरी बार चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं। राष्ट्रपति बिइडेन वर्तमान में फाइव थटीर्हाइट कुल चुनावों में 52।6 प्रतिशत अस्वीकृति रेटिंग के साथ 42।6 प्रतिशत अनुमोदन रेटिंग पर हैं। जबकि अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के अपंग प्रभाव से उबर गई है और बेरोजगारी कम है, मुद्रास्फीति उच्च बनी हुई है और बढ़ती ब्याज दरों के कारण – फेडरल रिजर्व द्वारा कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए – मंदी की आशंका हवा में है, हाल के हफ्तों में दो क्षेत्रीय बैंकों के पतन से बल मिला है।
(इनपुट-आईएएनएस)