Cooler Cooling Tips। कूलर नहीं दे रहा ठंडी-ठंडी हवा, इन आसान से ट्रिक्स से खुद ही करें ठीक
Cooler Cooling Tips : गर्मियों में कई लोगों के घरों में कूलर चलता है। कूलर की ठंडी-ठंडी हवा गर्मी से राहत दिलाने में मददगार होती है। लेकिन कई बार कूलर से ठंडी हवा आना बंद हो जाता है। ऐसे में हम अक्सर परेशान हो जाते हैं कि आखिर कूलर से ठंडी हवा क्यों नहीं आ रही है। ऐसे में कई बार इलेक्ट्रीशियन को बुलाना पड़ जाता है। गर्मी में बार-बार कूलर में इस तरह की शिकायत होना सामान्य है, लेकिन अगर आप बार-बार इलेक्ट्रीशियन का बुलाते हैं तो आपकी जेब ढीली पड़ सकती है। इसलिए कोशिश करें कि अगर कोई सामान्य कारणों से कूलर ठंडी हवा न दे रहा हो, तो आप खुद से ठीक कर लें। इसके लिए हम आपको कुछ सामान्य टिप्स देने जा रहे हैं, जिससे आप अपने कूलर की गर्म हवा को ठंडा कर सकते हैं। आइए जानते हैं कूलर की गर्म हवा को ठंडा रखने केकुछ आसान से टिप्स-
कूलर की समय-समय पर करें सफाई
कूलर का पंखा हवा को बार की ओर फेंकता गै। इसी कारण से कूलर से आपको हल्की-हल्की पानी की बूंदें बाहर आते दिखती होंगा या फिर महसूस होती होंगी। अगर आप कूलर के पंखे पर ध्यान देंगे, तो आपको दिखेगा कि कूलर के पंखे का ब्लेड नुकीला और बाहर की ओर हल्का सा मुड़ा हुआ होता है। जब इस नुकीले ब्लेड पर गंदगी जमा हो जाती है तो हवा गर्म आने लगता है। ऐसे में समय-समय कूलर के पंखें की सफाई करें। खासतौर पर ब्लेड पर जमा गंदगी को अच्छी तरह से क्लीन करें। इसके लिए हर 2 से 3 सप्ताह में कूलर के पंखें को क्लीन करें। इससे हवा काफी अच्छी आएगी
कंडेनसर की जांच है जरूरी
कूलर में लगा कंडेनसर कूलर के पंखे की स्पीड को निर्धारित करता है। इससे ही हवा कम या फिर ज्यादा आती है। ऐसे में कंडेनसर का सही होना बहुत ही जरूरी है। कूलर चलने के दौरान इसपर बार-बार पानी आता है, जिसकी वजह से कंडेनसर खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में समय-समय पर कंडेनसर की जांच करें कि यह सही है या नहीं। अगर कंडेनसर खराब हो गया है, तो इसे तुरंत बदलवा लें। इससे फ्रेश हवा अंदर आएगी।
बदलते रहें पुराना घास
गर्मी आते ही हम पुराना कूलर बाहर निकाल लेते हैं। लेकिन इसका घास बदलना भूल जाते हैं। ऐसी स्थिति में कूलर की हवा गर्म आ सकती है। साथ ही इस घास पर जमा गंदगी की वजह से परेशानी भी हो सकती है। इस स्थिति में कूलर की हवा को ठंडा रखने के लिए आपको घास को बदलने की जरूरत है। मुख्य रूप से 1 सीजन में कम से कम 2 बार घास जरूर बदलें।