Pakistan Government demanded resignation of Chief Justice of Supreme Court, पाकिस्तान सरकार ने ही उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश का मांग लिया इस्तीफा, मामला जानकर रह जाएंगे हैरान
पाकिस्तान की सरकार और उच्चतम न्यायालय के बीच ठन गई है। पाकिस्तान के एक वरिष्ठ मंत्री ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के इस्तीफे की मांग की। उच्चतम न्यायालय के एक अन्य न्यायाधीश ने पंजाब प्रांत में चुनाव कराने के संबंध में स्वत: संज्ञान नोटिस पर असहमति जाहिर की थी, जिससे न्यायपालिका और सरकार के बीच की खाई और गहरी हो गई। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने मीडिया को संबोधित करते हुए मांग की कि ‘‘प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
शुक्रवार को न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह ने अपने असहमति ‘नोट’ में कहा कि उच्चतम न्यायालय के स्वत: संज्ञान नोटिस को 4-3 के बहुमत से खारिज कर दिया गया। औरंगजेब, जो सत्तारूढ़ गठबंधन में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट का हिस्सा हैं, ने कहा कि न्यायमूर्ति मिनल्लाह के फैसले ने न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। सूचना मंत्री ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने आज एक बड़ा फैसला किया है। इस फैसले के बाद, ज्यादातर न्यायाधीश एक निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। उनका आज का फैसला न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है।
बेंच फिक्सिंग’का आरोप
प्रधान न्यायाधीश बंदियाल की अगुवाई वाली उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को पंजाब विधानसभा चुनाव की नई तारीख 14 मई तय की थी और इसने चुनाव की तारीख को 10 अप्रैल से बढ़ाकर आठ अक्टूबर करने संबंधी पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग के फैसले को रद्द कर दिया था। फैसले की गठबंधन सरकार ने आलोचना की थी, जिसने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। सूचना मंत्री कहा, ‘‘जब कोई याचिका नहीं थी तो सवाल यह उठता है कि पीठ का गठन क्यों किया गया और फैसला क्यों दिया गया।’’ औरंगजेब ने कहा कि राजनीतिक दल चुनाव से नहीं भाग रहे हैं, लेकिन यह मुद्दा चुनाव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह ‘‘बेंच फिक्सिंग’’ का मामला बन गया है।