कोविड संक्रमित लोगों के लिए खतरे की घंटी, याददाश्त पर पड़ रहा इसका गहरा असर, स्टडी में दावा
नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल में हुए एक अध्ययन के अनुसार सार्स-सीओवी-2 वायरस से होने वाला संक्रमण डिमेंशिया (Dementia) से जूझ रहे रोगियों में इस रोग को और बढ़ा सकता है. ‘जर्नल ऑफ अल्जाइमर्स डिसीज रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि डिमेंशिया (स्मृतिक्षय) के सभी प्रकारों वाले प्रतिभागियों को सार्स-सीओवी-2 के संक्रमण के बाद डिमेंशिया और तेजी से बढ़ा. मानवीय समझ पर कोविड-19 के प्रभाव को लेकर अभी तक विस्तृत जानकारी का अभाव है, वहीं विशेषज्ञों ने इसे ‘ब्रेन फॉग’ की संज्ञा दी है.
अनुसंधानकर्ताओं ने पहले से डिमेंशिया से जूझ रहे 14 रोगियों में संज्ञानात्मक विकास पर कोविड-19 के प्रभावों का अन्वेषण किया जिन्हें ‘सार्स-सीओवी-2’ (SARS Cov-2) के संक्रमण के बाद सोच-समझ संबंधी समस्या और बढ़ गई थी. इन रोगियों में 4 अल्जाइमर्स रोग, 5 वस्क्युलर डिमेंशिया, 3 पार्किंसन से ग्रस्त थे और 2 रोगी फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया की वजह से व्यवहार में बदलाव के शिकार थे.
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इन प्रतिभागियों का चयन कुल 550 डिमेंशिया रोगियों में से किया गया जिन्होंने मई 2013 से सितंबर 2022 के बीच पश्चिम बंगाल में बर्द्धमान मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बांगड़ इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेस और निजी क्लीनिक में इलाज कराया. उन्होंने कहा कि रोगियों में समस्या तेजी से बिगड़ने का पता चला. मुख्य अध्ययनकर्ता और बांगुर इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेस के सौविक दुबे ने कहा, ‘ब्रेन फॉग एक अस्पष्ट शब्द है जिसमें कोविड-19 के बाद विभिन्न संज्ञानात्मक आयाम को लेकर कोई विशेष कारक स्पष्ट नहीं किया गया है.’
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Tags: COVID 19, Covid 19 Alert
FIRST PUBLISHED : April 05, 2023, 17:36 IST