Explainer: क्यों अब हर साल बढ़ने लगे हैं टोल के रेट, क्या है सरकार की इसे लेकर पॉलिसी?
हाइलाइट्स
NHAI ने 1 अप्रैल 2023 से राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रसेव पर टोल टैक्स की दरें बढ़ा दी हैं.
नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस-वे को बनाने में हुए खर्च की भरपाई के लिए टोल टैक्स वसूला जाता है.
Toll Tax Hike: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 1 अप्रैल 2023 से राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रसेव पर टोल की दरें 15 फीसदी तक बढ़ा दी हैं. इसके बाद देश के 18 एक्सप्रेस-वे और 500 से ज्यादा हाईवे पर सफर अब महंगा हो गया है. दिल्ली-एनसीआर से लगने वाले 10 नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस-वे से सफर करने वाले अलग-अलग क्ेटेगरी के वाहनों को अब थोड़ा ज्यादा टोल टैक्स देना होगा. बता दें कि टोल की दरों में होलसेल प्राइसिंग इंडेक्स के आधार पर बढ़ोतरी की गई है. टोल दरों में ये बढ़ाेतरी हर साल की जाती है.
भारत में टोल टैक्स नीति राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 (1956 का 48) और राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 पर आधारित है. इस नीति के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे पर वाहनों से टोल शुल्क वसूला जाता है. सवाल ये उठता है कि जब हम वाहन खरीदते समय रोड टैक्स का भुगतान कर चुके होते हैं तो हमें सड़क पर चलने के लिए टोल टैक्स का भुगतान क्यों करना पड़ता है? टोल टैक्स क्या है? क्या हैं टोल दरों को लेकर नियम? किस नियम के आधार पर हर साल टोल दरों में बढ़ोतरी होती है? किसे टोल टैक्स से छूट मिलती है?
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रोड टैक्स और टोल टैक्स में अंतर
सबसे पहले समझते हैं कि रोड टैक्स और टोल टैक्स में क्या अंतर है? जब भी आप वाहन खरीदते हैं और रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो आरटीओ आपसे एकमुश्त रोड टैक्स ले लेता है. हालांकि, निजी वाहनों के इतर कमर्शियल व्हीकल्स का रोड टैक्स हर साल चुकाना होता है. इसमें आपको जीएसटी का भुगतान भी करना होता है. रोड टैक्स दोपहिया, चारपहिया समेत सभी वाहनों को चुकाना होता है. रोड टैक्स राज्य सरकारों की तरफ से वसूला जाता है. इसीलिए अलग-अलग राज्यों में रोड टैक्स की दरें भी अलग हैं. रोड टैक्स वाहन की कीमत और उसके टाइप पर आधारित होता है.
टोल टैक्स देश की सभी सड़कों पर नहीं वसूला जाता है.
टोल टैक्स – रोड टैक्स के उलट आप जब भी अपने वाहन को सड़क पर चलाते हैं और टोल प्लाजा से गुजरते हैं तो आपको एक अप्रत्यक्ष कर ‘टोल टैक्स’ का भुगतान करना पड़ता है. ये देश की सभी सड़कों पर लागू नहीं होता है. इस टैक्स को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया वसूलती है. ये टैक्स दोपहिया वाहनों को छोड़कर बाकी सभी वाहनों पर लगता है.
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क्यों वसूला जाता है टोल टैक्स?
सरकार नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस-वे को बनाने में हुए खर्च की भरपाई के लिए टोल टैक्स वूसलती है. वाहनों से वसूले जाने वाले टोल टैक्स का इस्तेमाल खर्च की भरपाई के साथ ही सड़क के रखरखाव और नई सड़कों को बनाने में भी किया जाता है. मौजूदा समय में टोल टैक्स नगद या फास्टटैग के जरिये लिया जाता है. हालांकि, सरकार ने फास्टटैग का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है. अगर कोई व्यक्ति कैश में भुगतान करना चाहता है तो उससे दोगुना शुल्क लिया जाता है.
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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि जल्द ही देश में सभी जगह से टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे. वाहनों से जीपीएस सिस्टम के जरिये टोल टैक्स वूसला जाएगा. साथ ही इसे वाहन की टोल रोड पर तय की गई दूरी के आधार पर वसूला जाएगा. आसान शब्दों में समझें तो जैसे ही आप किसी टोल रोड पर चढ़ेंगे, जीपीएस के जरिये आपको मीटर डाउन हो जाएगा और उतरते ही तय की गई कुल दूरी के आधार पर सीधे आपके अकाउंट से टोल टैक्स काट लिया जाएगा.
नियमों के मुताबिक, टोल प्लाजा पर 100 मीटर से ज्यादा लंबी लाइन नहीं लगनी चाहिए.
क्या हैं टोल टैक्स के नियम?
देश में मौजूदा समय में टोल टैक्स की दरों में बदलाव राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों और संग्रह का निर्धारण) नियम, 2008 के अनुसार हर साल किया जाता है. टोल टैक्स वसूले जाने के भी कुछ नियम हैं…
– नेशनल हाईवे पर बने टोल प्लाजा पर गाड़ियों के लिए वेटिंग पीरियड 10 सेकंड से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
– अगर वाहन को इससे ज्यादा समय टोल प्लाजा पर रुकना पड़ता है तो आप बिना टैक्स दिए भी जा सकते हैं.
– किसी भी टोल प्लाजा पर वाहनों की लाइन 100 मीटर से ज्यादा लंबी नहीं होनी चाहिए.
– अगर 100 मीटर अधिक से लंबी लाइन तो आप बिना टोल दिए भी आगे बढ़ सकते हैं.
– इसके लिए हर टोल बूथ से 100 मीटर की दूरी पर पीली पट्टी बनाई जानी चाहिए.
– अगर किसी प्लाजा पर वाहनों को 2 मिनट से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है तो लेन बढ़ाई जानी चाहिए.
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किसे मिलती है टोल टैक्स से छूट?
सरकार ने कुछ खास वाहनों को टोल प्लाजा पर टैक्स का भुगतान करने से छूट भी दी हुई है. इनमें देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शामिल हैंऋ इनके अलावा राज्यों के राज्यपाल, कैबिनेट मंत्री, सुप्रीम कोर्ट के सभी जज, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्र के राज्यमंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, विधानसभाओं के अध्यक्ष, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस व अन्य न्यायाधीश, केंद्र सरकार के सचिव को भी टोल टैक्स से छूट मिलती है.
नियमों के मुताबिक, देश के राष्ट्रपति औश्र प्रधनमंत्री ही नहीं, कई तरह के वाहनों को टोल टैक्स से छूट मिलती है.
किन खास वाहनों को मिलती है छूट?
संसद सदस्य, सेना के कमांडर, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, राज्य सरकार के मुख्य सचिव, विधानसभा सदस्य को भी टोल प्लाजा से गुजरने पर टैक्स नहीं देना होता है. इनके अलावा किसी दूसरे देश के राजकीय यात्रा पर आए गणमान्य व्यक्ति को भी इससे छूट मिलती है. वीं, रक्षा मंत्रालय के वाहनों को भी टोल टैक्स का भुगतान नहीं करना होता है. अर्धसैनिक बल, पुलिस, केंद्रीय व सशस्त्र बल के वर्दी में वाहन लेकर गुजर रहे लोगों को टोल टैक्स से छूट मिलती है. खास वाहनों के तौर पर अग्निशमन विभाग, नेशनल हाईवे के निरीक्षण, सर्वेक्षण के वाहन, शव वाहन और दिव्यांगों के लिए बनाए गए वाहनों को भी छूट दी जाती है.
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Tags: Highway toll, Nitin gadkari, Toll plaza, Toll Tax New Rate, Yamuna Expressway Toll Tax
FIRST PUBLISHED : April 03, 2023, 15:04 IST