रावण के देश में गूंजेगी श्रीराम की महिमा, श्रीलंका में बनने जा रहा रामायण सर्किट, भारतीयों को मिलेगी ये सहूलियत
Sri Lanka Ramayan Circuit: मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में तो भव्य राम मंदिर बन ही रहा है। अयोध्या से हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण में रावण के देश में भी प्रभु श्रीराम की महिमा का गुणगान होगा। भारतीय पर्यटकों के लिए खासतौर श्रीलंका में रामायण सर्किट का निर्माण होने जा रहा है। ये वो स्थान है, जहां भगवान श्रीराम के चरण पड़े थे। यही नहीं यहां पर सीता सर्किट भी होगा। सीताजी को रावण ने यहां अशोक वाटिका में रखा था। रामायण सर्किट की खास बात यह है कि इसे देखने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को एक सहूलियत भी दी गई है। बताया जा रहा है कि यहां भारतीय करेंसी यानी भारतीय रुपया भी चलेगा।
श्रीलंका के साथ भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध
दरअसल श्रीलंका का भारतीय महाकाव्य रामायण के साथ एक समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध है। रामायण में वर्णन है कि जो आज श्रीलंका है इसी लंका के राजा दशानन यानी रावण ने जब सीता मैया का अपहरण किया था, तब भगवान राम ने लंका में युद्ध लड़ा और रावण का वध किया था। रावण महान विद्वान था। रामायण में इस बात का भी वर्णन है कि खुद भगवान राम ने लक्ष्मण से कहा था कि वह रावण से ज्ञान की बातें ग्रहण करें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीलंका रामायण सर्किट को फिर से बनाने की प्रक्रिया में है, इसमें एक अलग सीता सर्किट भी शामिल है।
श्रीलंका में हैं रामायण काल के कई रोचक स्थल
श्रीलंका में कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनका वर्णन रामायण में है। श्रीलंका में कुछ लोकप्रिय रामायण ट्रेल्स में सिगिरिया शामिल है, यहां पत्थरों से निर्मित एक प्राचीन किला है, जिसे राजा रावण का महल बताया जाता है। मान्यता है कि रावण ने सीताजी को सिगिरिया चट्टान के समीप एक गुफा में बंदी बनाकर रखा था। यह श्रीलंका में पर्यटकों की पहली पसंद भी है। वहीं नुवारा एलिया शहर में अशोक वाटिका एक अन्य लोकप्रिय स्थल है। मान्यतानुसार यह वही स्थल है जहां सीता मैया को रखा गया था। यहां सीताजी से हनुमानजी मिले थे और उन्हें भगवान राम की अंगूठी प्रदान की थी।
ये स्थल होंगे रामायण सर्किट में
त्रिंकोमाली शहर में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जो किसी न किसी रूप में रामायणकाल से जुड़े हुए हैं। कोनेश्वरम मंदिर ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण भगवान राम ने भगवान शिवजी के सम्मान में करवाया था। रामायणकाल से संबंधित ऐसे ही कुछ स्थल हैं, जिन्हें श्रीलंका में देखा जा सकेगा।