America and Europe will not like this step of Russia going to do big work together with India/अमेरिका और यूरोप को रास नहीं आएगा रूस का यह कदम, भारत के साथ मिलकर करने जा रहा बड़ा काम

रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी
मास्को: यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के बीच अब रूस भारत के साथ मिलकर एक ऐसा कदम उठाने जा रहा है, जिसके बारे में जानकर अमेरिका समेत पूरे यूरोप में खिन्नता आ सकती है। यूक्रेन युद्ध को लंबा खींचते देख और अमेरिका व यूरोप की भागीदारी के मद्देनजर रूस ने अपनी अद्यतन विदेश नीति का ऐलान किया है और भारत उसकी इस विदेश नीति का अहम साझीदार होने जा रहा है।
दरअसल रूस अपनी अद्यतन विदेश नीति के अनुसार गैरमित्र देशों और उनके साझेदारों की ‘‘विनाशकारी गतिविधियों’’ को रोकना सुनिश्चित करेगा। रूस इसके लिए भारत से संबंधों को और अधिक मजबूती देगा। मॉस्को के यूक्रेन पर हमले के बावजूद भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत बने रहे। कई पश्चिमी देशों में बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ गया है।
ये है रूस की नई रणनीति
अद्यतन विदेश नीति के अनुसार यूरेशिया में रूस भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी और व्यापार संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। यूरेशिया पर विदेश नीति के एक अनुच्छेद के अनुसार, ‘‘रूस पारस्परिक रूप से लाभकारी आधार पर सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और विस्तार करने की दृष्टि से भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाना जारी रखेगा और द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और तकनीकी संबंधों को मजबूत करेगा।’’ भारत ने अब तक यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है और यह कहता रहा है कि इस संकट का कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
बता दें कि यूरेशिया पृथ्वी पर सबसे बड़ा महाद्वीपीय क्षेत्र है, जिसमें पूरा यूरोप और एशिया शामिल हैं। ऐसे में यूरेशियाई देशों से रूस की निकटता अमेरिका और यूरोप को परेशान कर सकती है। विशेष तौर पर अमेरिका और यूरोप भारत को रूस के अत्यधिक करीब होते नहीं देखना चाहते।