Reliance capital is not getting buyers auction is failed here is real story behind it | रिलायंस को नहीं मिल रहे खरीदार, पूरा मामला जान माथा पकड़ लेंगे
Reliance Capital: कर्ज में फंसी कंपनी रिलायंस कैपिटल के कर्जदाताओं की नीलामी का दूसरा दौर आयोजित करने की योजना खटाई में पड़ गई है, क्योंकि बोलीदाता नई नीलामी में हिस्सा लेने के लिए इच्छुक नहीं दिख रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने पिछले 20 मार्च को पहले दौर की नीलामी में सर्वाधिक बोली लगाने वाली टॉरेंट इंवेस्टमेंट्स की वह अपील मंजूर कर ली थी, जिसमें नीलामी का एक और दौर आयोजित करने के कर्जदाताओं के फैसले को चुनौती दी गई थी। हालांकि न्यायालय ने नए सिरे से नीलामी करने पर रोक लगाने से मना कर दिया था। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए मामले को अगस्त में सूचीबद्ध किया है। दिसंबर में संपन्न पहले दौर की नीलामी में टॉरेंट ने सर्वाधिक 8,640 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।
बोली में हुआ संशोधन
हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल ने पहले 8,110 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे बाद में उसने संशोधित कर 9,000 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा। हालांकि सूत्रों का कहना है कि दोनों ही बोलीदाता दूसरे दौर की नीलामी में शामिल होने के इच्छुक नहीं हैं। टॉरेंट ने इस बारे में कर्जदाताओं की समिति (COC) को सूचित कर दिया है। वहीं इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) ने भी 9,000 करोड़ रुपये की अपनी संशोधित बोली वापस लेने की मंशा जताई है। ऐसी स्थिति में 9,500 करोड़ रुपये के आधार मूल्य के साथ दूसरी नीलामी करने की सीओसी की योजना खटाई में पड़ती दिख रही है। इस बीच कॉस्मी फाइनेंशियल और पीरामल के गठजोड़ ने रिलायंस कैपिटल के प्रशासक को पत्र लिखकर नवंबर में जमा की गई 75-75 करोड़ रुपये की बयाना राशि वापस करने की मांग की है।
दोनों कंपनियों ने कहा है कि अब वह कर्ज समाधान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेना चाहती हैं। सूत्रों का कहना है कि गतिरोध दूर करने के लिए कोई सहमति नहीं बनने पर रिलायंस कैपिटल परिसमापन की तरफ बढ़ती हुई नजर आ रही है। अनुमान है कि परिसमापन होने पर कंपनी के कर्जदाताओं को 13,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।