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सौरभ कृपाल मामले पर खुलकर बोले CJI चंद्रचूड़, कहा- जज बनने की योग्यता का सेक्सुएल ओरिएंटेश से कोई संबंध नहीं

हाइलाइट्स

CJI ने कहा कि जज बनने की योग्यता का सेक्सुअल ओरिएंटेशन से कोई लेना-देना नहीं.
सौरभ कृपाल को दिल्ली हाई कोर्ट का जज बनाने की कॉलेजियम की सिफारिश के बारे में CJI ने ये बात कही.
CJI ने कहा कि सौरभ कृपाल के यौन रुझान के बारे में जानकारी सार्वजनिक है.

जेसिका जानी.
नई दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा कि किसी शख्स की जज बनने की योग्यता का कैंडिडेट के सेक्सुअल ओरिएंटेशन (Sexual Orientation) से कोई लेना-देना नहीं है. एक घोषित समलैंगिक वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल (Saurabh Kirpal) को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) का जज बनाने की कॉलेजियम की लगातार दूसरी बार सिफारिश के बारे में पूछे गए सवाल पर CJI चंद्रचूड़ ने ये बात कही. एक मीडिया कॉन्क्लेव में CJI ने कहा कि ‘जब कॉलेजियम हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जजों के रूप में नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों पर विचार करता है, तो वह इस तथ्य को लेकर सचेत रहता है कि वह उनके जीवन के हर पहलू को समाज के लिए नहीं खोल सकता है.’

CJI डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा कि ‘जिस उम्मीदवार कृपाल का आप जिक्र कर रहे हैं, जिसके हर पहलू का उल्लेख इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट में किया गया था, वह सार्वजनिक डोमेन में था. ये उम्मीदवार अपने यौन रुझान के बारे में खुला हुआ है. इसलिए, जब आईबी ने कुछ मुद्दे उठाए तो, हम वास्तव में इस सूचना के लिए आईबी के सोर्स को नहीं खोल रहे थे. इससे क्या खतरा हो सकता है?’ उन्होंने कहा कि ‘कोई कह सकता है कि अगर आप आईबी की रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में रखते हैं, तो आप राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर आईबी की जानकारी के सोर्स से समझौता कर सकते हैं. किसी की जान को खतरा हो सकता है.’

‘मैं कानून मंत्री से उलझना नहीं चाहता…’, कॉलेजियम सिस्टम की तरफदारी करते हुए CJI चंद्रचूड़ का बड़ा बयान 

CJI डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा कि ‘मगर यह ऐसा कोई मामला नहीं था. आईबी की रिपोर्ट भावी जज के कैंडिडेट के खुले तौर पर घोषित समलैंगिक यौन रुझान पर आधारित थी. इसे हर कोई जानता है और मीडिया में इसे काफी रिपोर्ट किया गया है. प्रस्ताव में हमने जो कुछ कहा, वह ये था कि किसी उम्मीदवार के यौन रुझान का हाई कोर्ट के जज के उच्च संवैधानिक पद को संभालने की क्षमता या उम्मीदवार की संवैधानिक पात्रता से कोई लेना-देना नहीं है.’ गौरतलब है कि जनवरी में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कॉलेजियम ने कृपाल को दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने की अपनी 11 नवंबर, 2021 की सिफारिश को दोहराया था. उसने केंद्र के इस तर्क को खारिज कर दिया था कि हालांकि भारत में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है, लेकिन समलैंगिक विवाह को अभी भी मान्यता नहीं है.

Tags: CJI, Homosexual Relation, Justice DY Chandrachud, Supreme Court

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