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Career Tips : JEE और NEET की बेहतर तैयारी के लिए ऐसे चुने बेस्ट कोचिंग इंस्टिट्यूट

JEE NEET Coaching: स्टूडेंट 10वीं बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद 11वीं में साइंस सब्जेक्ट चुन सकते हैं. इसके बाद उनके पास डॉक्टर और डेंटिस्ट बनने का अवसर होता है, दूसरी तरफ स्टूडेंट नॉन मेडिकल सब्जेक्ट लेते हैं तो उनके पास इंजीनियरिंग फील्ड में अपना करियर बनाने का मौका होता है. हर साल JEE और NEET परीक्षा को क्लियर करने के लिए लाखों स्टूडेंट कड़ी मेहनत करते हैं. इसके लिए कई छात्र कोचिंग जाना पसंद करते है तो कई छात्र सेल्फ-स्टडी पर ही फोकस करते हैं. ऐसे में आज हम इस स्टोरी के माध्यम से जानेगे कि कैसे सही कोचिंग का चुनाव किया जा सकता है.

  1. इंस्टिट्यूट रिकॉर्ड के बारे में जाने :
    छात्रो को IIT JEE और NEET  परीक्षा के लिए कोचिंग सेंटर जॉइन करने से पहले उस इंस्टिट्यूट के रिकॉर्ड के बारे में जानकारी जरूर प्राप्त करनी चाहिए.

  • विद्यार्थियों का फीडबैक: कोचिंग सेंटर का रिकॉर्ड जानने के लिए वहां पढ़ा रहे टीचर, स्टडी मटेरियल, टेस्ट, आदि के बारे में जाने, साथ ही वहां पढ़ रहे छात्रो या पढ़ चुके छात्रो से फीडबैक जरूर लें.
  • सक्सेस प्रतिशत: छात्रो का कोचिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ने के बाद उनकी सफलता का प्रतिशत कितना है. यह जानना बहुत जरूरी है.
  • टॉपर्स का प्रतिशत: कोचिंग सेंटर के कितने छात्रो ने परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की है. उन्हें इसकी तैयारी में कितना समय लगा. यह सब जानना भी आवश्यक है.

2. कोचिंग संस्थान का fee structure क्या है .
किसी भी संस्थान को जॉइन करने से पहले उसके फीस के बारे में जानना बहुत जरूरी होता है. कई बार कुछ कोचिंग छात्रो को लुभाने के लिए छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) प्रदान करते हैं जिनके बारे में छात्रो को जरूर जान लेना चाहिए. इसके लिए इन बातो का ध्यान रखें.

  • दूसरे कोचिंग सेंटर के मुक़ाबले फीस कितनी कम या ज्यादा है.
  • कुछ संस्थान कोर्स फीस के साथ ही किताबों का भी शुल्क लेते है ,इसके बारे में भी जान लेना बहुत जरूरी है.
  • टेस्ट कंडक्ट कराने का क्या प्रोसेस है.
  • छात्रों को संस्थान जॉइन करने से पहले टेस्ट कंडक्ट करने से संबन्धित बातो के बारे में जान लेना आवश्यक है कि टेस्ट कब-कब कंडक्ट होता है.
  • टोटल कितने टेस्ट होते हैं?
  • टेस्ट के सेंटर्स की क्या व्यवस्था होती है (अलग अलग सेंटर्स होते हैं या केवल कोचिंग में ही टेस्ट होते हैं)
  • क्या टेस्ट के समय वही वातावरण होता है जो रियल एग्जाम में होता है.
  • टेस्ट की रैंक कैसे मापी जाती है.
  • रैंक को सुधारने को लेकर मैनेजमेंट के क्या प्रयास हैं.

3. कोचिंग के पास होने चाहिए हॉस्टल
बहुत से छात्र ऐसे है जो अपने घर से दूर आ कर कोचिंग जॉइन करते है जिन्हे रहने के लिए
अच्छे हॉस्टल और खाने की व्यवस्था की बहुत जरूरत होती है, इसलिए छात्रो को वहां रह
रहे छात्रो से जानकारी जरूर लेनी चाहिए.

Tags: Career Guidance, Career Tips, Education news

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