Big news about the situation on the India-China LAC border Foreign Minister S Jaishankar told latest situation भारत-चीन सीमा के हालात को लेकर बड़ी खबर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताई ताजा स्थिति
नई दिल्लीः भारत-चीन की सीमा पर हालात लगातार नाजुक बने हैं। इस दौरान जी-20 सम्मेलन में शरीक होने के लिए चीन के विदेश मंत्री किन कांग भारत आए हुए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनसे जी-20 से इतर मुलाकात और बातचीत भी हुई। इसके बावजूद सीमा पर बने मौजूदा हालात का कोई हल निकलने की गुंजाइश नहीं दिखी। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और अधिक बढ़ने की आशंका बनी हुई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को चीन के विदेश मंत्री किन गांग के साथ हुई बैठक में कहा कि भारत-चीन के बीच संबंध ‘‘असामान्य’’ हैं। बैठक में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों की चुनौतियों, खास तौर से सीमावर्ती क्षेत्र में शांति और स्थिरता से जुड़ी चुनौतियों से निपटने पर चर्चा हुई। जी-20 के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर जयशंकर और किन की यह पहली मुलाकात है।
34 महीने से भारत-चीन के बीच तनाव कायम
पूर्वी लद्दाख में 34 महीने से अधिक समय से जारी सीमा विवाद के बीच बैठक हुई। किन दिसंबर में चीन के विदेश मंत्री बने थे, और उन्होंने वांग यी की जगह ली थी। जयशंकर ने पत्रकारों से कहा, ‘‘उनके विदेश मंत्री बनने के बाद यह हमारी पहली मुलाकात है। हमने एक-दूसरे से करीब 45 मिनट चर्चा की और मोटे तौर पर यह चर्चा हमारे संबंधों की वर्तमान स्थिति के बारे में थी, जिसके बारे में आपमें से ज्यादातर लोगों ने सुना होगा कि वह (संबंध) असामान्य है। उन्होंने कहाकि और बैठक में मैंने जिन विशेषणों का उपयोग किया उनमें यह (असामान्य) भी था। संबंधों में कुछ वास्तविक समस्याएं हैं जिन पर ध्यान देने, खुलकर और दिल से बात करने की जरूरत है। विदेश मंत्री ने कहा कि बैठक में सामान्य तौर पर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई। किन भारत की मेजबानी में हो रही जी-20 की बैठक में शामिल होने बृहस्पतिवार सुबह दिल्ली पहुंचे।
सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं आने तक सामान्य नहीं हो सकते हालात
भारत कहता रहा है कि चीन के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं आती। जयशंकर ने करीब आठ महीने पहले बाली में जी-20 की एक बैठक से इतर तत्कालीन चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की थी। तब विदेश मंत्री ने वांग से कहा था कि दोनों देशों के बीच संबंध आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित होने चाहिए। वांग पिछले साल मार्च में भारत आये थे। दोनों पक्षों ने सैन्य वार्ता के 16वें दौर में लिये गये फैसलों के अनुरूप पिछले साल सितंबर में गोगरा-हॉटस्प्रिंग क्षेत्र में स्थित पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से सैनिकों को वापस बुलाया था। लेकिन दुनिया की दो सबसे बड़ी सेनाओं के बीच डेमचोक और डेपसांग क्षेत्रों में टकराव की स्थिति बनी रही।
भारत ने टकराव के बाकी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी करने पर जोर दिया था। भारत और चीन ने गत 22 फरवरी को बीजिंग में प्रत्यक्ष राजनयिक वार्ता की थी और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थित टकराव वाले बाकी बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के प्रस्ताव पर ‘‘खुली और सकारात्मक चर्चा’’ की थी। भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और सहयोग के लिए कार्य प्रणाली की रूपरेखा के तहत बैठक हुई।
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