What farmers do price of onion fell to Rs 2, difficult to cost of cultivation| किसान करें तो क्या करें! पैदावार बढ़ाया तो प्याज की कीमत गिरकर 2 रुपये हुई, खेती की आधी लागत निकालना मुश्किल
प्याज की फसल एक बार फिर किसानों को रुला रही है। दरअसल, इस बार किसानों ने प्याज की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद से पैदावार बढ़ाया था। हालांकि, इसका उल्टा असर अब हो गया है। प्याज मंडियों की आवक बढ़ने से प्याज की कीमत 2 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। इससे किसानों की अपनी खेती की आधी लागत निकालना मुश्किल हो रहा है। इसके चलते आज देश की सबसे बड़ी मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट से नाराज किसानों ने सोमवार को प्याज की नीलामी रोक दी। एपीएमसी, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है। प्याज की प्रति किलो कीमत घटकर दो से चार रुपये प्रति किलो रह गई है, जिससे किसान परेशान हैं। उन्होंने समझ में नहीं आ रहा कि आखिर वो करें तो क्या करें। जब कीमत अधिक होती है तब भी बिचौलिए कमाई कर जाते हैं। उनको उसका फायदा नहीं मिल पाता है। अब जब कीमत कम हो गई है तो सरकार से कोई मदद नहीं मिल पा रही है।
सरकार से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान की मांग
प्याज उत्पादकों के एक प्रतिनिधि ने कहा कि सरकार को तुरंत 1,500 रुपये प्रति क्विंटल प्याज का अनुदान घोषित करना चाहिए और उनकी उपज को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर खरीदना चाहिए, अन्यथा वे नासिक जिले के लासलगांव एपीएमसी में नीलामी फिर से शुरू नहीं होने देंगे। सोमवार को सप्ताह के लिए बाजार खुलते ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू होते ही प्याज का न्यूनतम मूल्य 200 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम भाव 800 रुपये प्रति क्विंटल और औसत भाव 400-450 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। नतीजतन, महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन के नेतृत्व में नाराज किसानों ने प्याज की नीलामी बंद कर दी और आंदोलन शुरू कर दिया। शनिवार को एपीएमसी में 2,404 क्विंटल प्याज पहुंचा और इसके दाम न्यूनतम 351 रुपये, अधिकतम 1,231 रुपये और औसत 625 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
खुदरा बाजार में अभी भी प्याज 20 से 25 रुपये किलो
आपको बता दें कि भलें ही मंडियों में प्याज की कीमत 2 रुपये तक आ गई है लेकिन खुदरा बाजार में कीमत अभी भी 20 से 25 रुपये किलो है। इसी को देखते हुए महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन के नेता भरत दिघोले ने कहा,“राज्य विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सरकार को तुरंत प्याज के लिए 1,500 रुपये प्रति क्विंटल के अनुदान की घोषणा करनी चाहिए और उसे मौजूदा समय में 3,4, 5 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बेचे जाने वाले प्याज को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किग्रा की कीमत पर खरीदना चाहिए। अगर आज ये दोनों मांगें नहीं मानी गईं, तो लासलगांव एपीएमसी में प्याज की नीलामी बिल्कुल भी शुरू नहीं होगी।’’ एपीएमसी सूत्रों के मुताबिक, इस बीच, संबंधित अधिकारी इस मुद्दे को हल करने के लिए बैठक कर रहे थे।