RBI gave a gift in monetary policy, passengers coming to India from G20 countries will be able to pay through UPI| मौद्रिक पॉलिसी में आरबीआई ने दिया सौगात, जी20 देशों से भारत आने वाले यात्री यूपीआई के
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को जी-20 देशों से चुनिंदा हवाई अड्डों पर आने वाले यात्रियों को भुगतान के लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का इस्तेमाल करने की अनुमति देने का फैसला किया है। आरबीआई ने कहा कि बाद में यूपीआई के जरिये भुगतान सुविधा का लाभ यहां आने वाले सभी देशों के यात्रियों को मिलेगा। यूपीआई एक भुगतान मंच है जिसके जरिये हम मोबाइल ऐप के माध्यम से कहीं से भी कभी भी अपने बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में पैसा भेज और मंगा सकते हैं।
यूपीआई तेजी से लोकप्रिय बना
केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा, यूपीआई देश में खुदरा डिजिटल भुगतान के लिये काफी लोकप्रिय बन गया है। इसको देखते हुए अब भारत आने वाले सभी यात्रियों को देश में रहने के दौरान कारोबारियों (पी2एम) को भुगतान के लिये इसके उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि इस सुविधा की शुरुआत चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आने वाले जी-20 देशों के यात्रियों से होगी। भारत ने एक दिसंबर, 2022 को जी-20 की अध्यक्षता संभाली। जी-20 दुनिया के विकसित और विकासशील देशों का मंच है। इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
जनवरी में 13 लाख करोड़ का लेनदेन
यूपीआई के जरिये भुगतान जनवरी में मासिक आधार 1.3 प्रतिशत बढ़कर करीब 13 लाख करोड़ रुपये रहा है। दास ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक 12 शहरों में क्यूआर कोड आधारित ‘कॉइन वेंडिंग मशीन (क्यूसीवीएम) को लेकर पायलट परियोजना शुरू करेगा। ये वेंडिंग मशीनें यूपीआई का उपयोग करके बैंक ग्राहकों के खाते से पैसे काटकर सिक्के उपलब्ध कराएंगी। अभी जो मशीनें हैं, उसमें बैंक नोट डालकर सिक्के निकाले जाते हैं। उन्होंने कहा कि पायलट परियोजना से मिली सीख के आधार पर इन मशीनों के जरिये सिक्के के वितरण को लेकर बैंकों के लिये दिशानिर्देश जारी किया जाएगा। इस कदम से सिक्के की उपलब्धता बढ़ेगी।
कर्ज पर जुर्माने को लेकर अलग-अलग नीतियां
आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि कर्ज पर जुर्माने को लेकर बैंकों की अलग-अलग नीतियां हैं। इस मामले में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों के हितों के संरक्षण को लेकर जुर्माना लगाये जाने के बारे में विभिन्न पक्षों से राय लेने को लेकर दिशानिर्देश का मसौदा जारी किया जाएगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत नियमित इकाइयों यानी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिये जरूरी है कि कर्ज को लेकर जुर्माना लगाने को लेकर नीतियां हों। हालांकि, ये इकाइयां ऐसे शुल्क को लेकर अलग-अलग गतिविधियां अपनाती हैं। दास ने कहा कि कुछ मामलों में शुल्क काफी ज्यादा होता है। इससे ग्राहकों की शिकायतें आती हैं और विवाद बढ़ता है।