Leave Encashment । लीव इनकैशमेंट टैक्स क्या है? यहां पढ़ें आसान शब्दों में लीव इनकैशमेंट और टैक्स से जुड़ी सभी जानकारी
Leave Encashment: केंद्रीय बजट 2023 पेश होने से पहले अलग-अलग क्षेत्र के लोग इससे कई तरह के आस लगाकर बैठे थे। बीते दिन 1 फरवरी को इसे पेश होने के बाद अब लोग अपने अनुसार इसमें फायदे और नुकसान देख रहे हैं। मोदी सरकार के द्वारा इस बार सरकारी और प्राइवेट दोनों ही क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को टैक्स में छूट की सौगात दी गई है। लीव इनकैशमेंट टैक्स (Leave Encashment) को इस बार लगभग 8 गुना तक बढ़ा दिया गया है। इससे रिटायरमेंट के समय मिलने वाली मोटी रकम के ऊपर लोगों को टैक्स में राहत मिलने वाली है। इसके अलावा सालाना 7 लाख रुपये तक कमाने वाले लोगों को टैक्स नहीं देना होगा।
लीव इनकैशमेंट टैक्स क्या है?
प्राइवेट और सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में नौकरी करने वाले लोगों को रिटायरमेंट के समय एक मोटी रकम दी जाती है। नौकरी करते समय जो लोग अपनी छुट्टियां बचा कर रखते हैं इसके बदले उन्हें रिटायरमेंट के समय पैसे मिलते हैं। आसान शब्दों में इसे ही लीव इनकैशमेंट कहते हैं। बजट 2023 के अनुसार लीव इनकैशमेंट टैक्स के रूप में मिलने वाले पैसे के ऊपर छूट दी गई है। पिछली बार के मुकाबले इसे लगभग 8 गुना तक बढ़ाया गया है। 25 लाख रुपये तक रकम के ऊपर एक भी रुपए टैक्स देने की जरूरत नहीं है।
लीव इनकैशमेंट टैक्स से मिडिल क्लास को ऐसे मिलेगा लाभ
प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग अब छुट्टी को बचाकर रिटायरमेंट के समय अधिक रकम ले सकते हैं। बजट 2023 से पहले केवल 3 लाख रुपये तक ही छूट दी जाती थी। उदाहरण के लिए लीव एनकैशमेंट टैक्स के अनुसार जिन लोगों को रिटायरमेंट के समय 20 लाख रुपये मिले उन्हें 3 लाख रुपये तक की छूट मिल जाती है। बाकी के 17 लाख रुपये पर स्लैब के अनुसार ही टैक्स देना पड़ेगा। इसके अलावा मिडिल क्लास के लोगों को भी 7 तक टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बजट 2023 सभी वर्गों के लिए है खास
सभी वर्ग को ध्यान में रखते हुए बजट 2023 को पेश किया गया है। इसके अनुसार बाइक, स्मार्टफोन, कपड़ा, एलईडी टीवी, और इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत कम होगी। इसके अलावा चांदी, सोना, विदेशी इलेक्ट्रिक चिमनी, छाता, सिगरेट और शराब के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। इससे भारत में निर्मित सामानों को बढ़ावा मिलेगा। विदेशी सामानों पर धीरे-धीरे निर्भरता को कम करने की एक पहल की जा रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा मिलने से देश में प्रदूषण की समस्याएं कम होंगी।