कंगाल पाकिस्तान अब खाने को मोहताज, दो जून की रोटी के लिए मारामारी, आटे के भाव आसमान पर
कंगाल पाकिस्तान की आर्थिक हालत वैसे ही खराब है। अब वहां खाने का संकट भी गहरा गया है। वहां हालात ये हो गए हैं कि गरीबों को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है। महंगाई की मार से पाकिस्तान की जनता त्रस्त है। वहीं खाने के अनाज खासतौर पर आटे के भाव आसमान छू रहे हैं। आटा ही इतना महंगा हो गया है कि वो आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। जानिए क्या है पाकिस्तान में आटे दाल के भाव की स्थिति?
शहबाज शरीफ सरकार सत्ता संभालने के बाद से कोई भी बड़ी मदद पाकिस्तान के गरीब लोगों को नहीं दे पाई है। पाकिस्तान की खाद्य मुद्रास्फीति (फूड इन्फ्लेशन) में लगातार तेजी देखी जा रही है। खासतौर पर साल 2022 में आई बाढ़ के बाद से खाद्य मुद्रास्फीति की हालत और ज्यादा गंभीर हो गई है।
पाकिस्तान में महंगाई किस कदर बढ़ी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2022 में दिसंबर में रिकॉर्ड 37.9 फीसदी पर थी। वहीं शहरी इलाकों की बात करें तो सितंबर 2022 पर 30 फीसदी थी जो अगले महीने अक्टूबर में रिकॉर्ड 34.7 फीसदी, नवंबर में गिरकर 29.7 फीसदी तो दिसंबर फिर बढ़कर 32.7 पर पहुंच गई।
आटे के साथ चावल के दाम भी छू रहे आसमान
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन के अनुसार, जहां एक तरफ आटा लगातार महंगा होता जा रहा है तो चावल भी कम पीछे नहीं है। पिछले कुछ महीनों में चावल के दाम में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली। इसी वजह से वित्तीय वर्ष 2022-23 में चावल का निर्यात की वर्ष 2021-22 से कम रहने की उम्मीद है। साल 2022 में बाढ़ की वजह से काफी संख्या में धान की फसल बर्बाद हुई, जिस वजह से बहुत आशावादी होकर भी देखें तो साल 2022 में चावल का उत्पादन ज्यादा से ज्यादा 8.3 मिलियन टन ही रहा होगा, जो साल 2021 के मुकाबले में करीब एक मिलियन टन कम है।
पाकिस्तान में आई बाढ़ ने और बढ़ा दी महंगाई
बाढ़ की वजह से पाकिस्तान में कई तरह की छोटी फसल बर्बाद हो गई, जिसका भारी असर सब्जी, दाल और सरसों जैसी चीजों पर देखने को मिला। हालांकि, साल 2022 के आखिरी दो तिमाही में पाम ऑयल के अंतराष्ट्रीय दाम में कमी देखी गई, लेकिन मई 2022 में आयात प्रतिबंध और घरेलू महंगाई की वजह से कोई फायदा नहीं मिल पाया।