Ceiling fan prices will increase by 20%, after this change companies will increase the price| सीलिंग फैन के दाम 20% तक बढ़ेंगे, इस बदलाव के बाद कंपनियां बढ़ाएंगी कीमत
पंखों को बिजली बचत करने वाली स्टार रेटिंग के साथ बेचना एक जनवरी से अनिवार्य हो जाने से इनके (सीलिंग फैन) दाम में आठ से लेकर 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के संशोधित मानकों के अनुरूप अब बिजली की बचत करने की क्षमता के आधार पर बिजली से चलने वाले पंखों को स्टार रेटिंग दी जाएगी। एक स्टार रेटिंग वाला पंखा न्यूनतम 30 प्रतिशत बिजली की बचत करता है जबकि पांच स्टार वाला पंखा 50 प्रतिशत से अधिक बिजली बचा सकता है।
दाम 5% से लेकर 20% तक बढ़ने की आशंका
इस बदलाव का जहां हैवल्स, ओरिएंट इलेक्ट्रिक और उषा इंटरनेशनल जैसे प्रमुख पंखा विनिर्माताओं ने स्वागत किया है। वहीं इससे पंखों के दाम पांच प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका भी है। दरअसल पांच स्टार वाले पंखों में आयातित मोटर एवं इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे लगाने से उनकी लागत बढ़ जाएगी। नई व्यवस्था के तहत अब पंखा बनाने वाली कंपनियों को अपने पंखों पर बिजली बचत करने वाली स्टार रेटिंग का लेबल लगाना जरूरी होगा। ओरिएंट इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राकेश खन्ना ने इसे ‘बड़ा बदलाव’ बताते हुए कहा है कि स्टार रेटिंग व्यवस्था आने से अब ग्राहकों को अधिक बिजली बचाने वाले उन्नत पंखे मिल पाएंगे। लेकिन इसके लिए ग्राहकों को अब अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी क्योंकि बेहतर रेटिंग पाने के लिए पंखों में उन्नत पुर्जे लगाए जाएंगे। उन्होंने कीमतों में सात-प्रतिशत वृद्धि की संभावना जताई है।
बिजली का बिल कम करने में मदद मिलेगी
उषा इंटरनेशनल के सीईओ दिनेश छाबड़ा ने कहा कि स्टार रेटिंग वाले पंखों के इस्तेमाल से ग्राहकों को बिजली का बिल कम करने में मदद मिलेगी लेकिन इन पंखों की खरीद पर उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘उषा कंपनी का एक स्टार रेटिंग वाला पंखा पांच-सात प्रतिशत और पांच स्टार रेटिंग वाला पंखा 20 प्रतिशत तक महंगा हो जाएगा।’’ हैवल्स इंडिया के अध्यक्ष सौरभ गोयल ने कहा कि नए मानक लागू होने से पंखों की उत्पादन लागत में होने वाली आंशिक बढ़ोतरी का बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह बदलाव लोगों को बिजली बचत के बारे में जागरूक करने का एक मौका भी है। देश में पंखे का बाजार करीब 10,000 करोड़ रुपये का है। भारतीय पंखा विनिर्माता संघ की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस खंड में 200 से अधिक कंपनियां सक्रिय हैं।