Hardik Pandya Replacement in case of injury does BCCI is repeating mistake again | हार्दिक के अलावा कौन हैं विकल्प, क्या BCCI फिर दोहरा रही पुरानी गलती?
हार्दिक पांड्या इस समय अपने करियर के शीर्ष पर हैं। किसी ने सोचा तक नहीं होगा कि स्ट्रेचर पर मैदान से बाहर जाने वाले पांड्या वापसी करेंगे और कप्तान के रूप में अपने पहले ही आईपीएल सीजन में ट्रॉफी अपने नाम कर लेंगे। एक समय उन्हें भारतीय टीम से ड्रॉप करने की बात की जा रही थी, लेकिन पांड्या ने भारत के लिए शानदार वापसी की और टीम को कई अहम मैच जिताने में अपना योगदान निभाया। अब उन्हें भारत के व्हाइट-बॉल कप्तान के रूप में भी देखा जा रहा है। हार्दिक एक फिट खिलाड़ी हैं, लेकिन क्या हो जब वह किसी इंजरी का शिकार हो जाए। क्या बीसीसीआई ने उनके विकल्प के रूप में किसी भी खिलाड़ी को तैयार किया है। इसका जवाब निकल कर आता है नहीं।
कौन हो सकते हैं हार्दिक के विकल्प
हार्दिक पांड्या ने पिछले कुछ समय में अपने प्रदर्शन के दमपर बीसीसीआई और सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा है। हार्दिक को आने वाले समय में वाइट बॉल क्रिकेट का नियमित कप्तान भी बनाया जा सकता है, लेकिन बीसीसीआई हार्दिक पर कुछ ज्यादा ही निर्भर होते जा रही है। वहीं हार्दिक के विकल्प के रूप में अभी तक किसी भी खिलाड़ी को तैयार नहीं किया है। आप यही सोच रहे होंगे कि अभी से ही इन मुद्दों पर बात करके क्या फायदा, लेकिन क्या कुछ समय पहले जडेजा और बुमराह के साथ भी ऐसा नहीं हुआ था? दोनों ही फिट दिखते थे और कई बार भारत की जीत में अहम योगदान भी निभाया था, लेकिन एक बार जब वे चोटिल हो गए, तो इसने टीम को मुश्किल में डाल दिया। अक्षर पटेल और अर्शदीप सिंह ने कुछ हद तक भार को संभाला। वहीं जडेजा और बुमराह के विकल्प के बारे में बीसीसीआई पहले से सोचती तो वर्ल्ड कप 2022 में नतीजा कुछ और ही होता।
अन्य खिलाड़ियों पर भी सोचे BCCI
अब अगर हार्दिक पांड्या चोटिल हो गए तो क्या होगा? बीसीसीआई अपनी सारी योजना उन्हीं के इर्द-गिर्द बनाती नजर आ रही है। उन्हें उप-कप्तानी के पद पर प्रमोट किया गया है और सफेद गेंद के प्रारूप में अगले भारतीय कप्तान बनने के लिए एक निश्चित विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। भले ही कप्तानी को एक पल के लिए छोड़ दें, तो क्या टीम इंडिया के पास ऐसा विकल्प मौजूद है जो हार्दिक की तरह बल्ले और गेंद दोनों से योगदान दे सके? सीधा सा जवाब नहीं है। केवल दो खिलाड़ी जो दिमाग में आते हैं वे हैं शिवम दूबे और युवा राज अंगद बावा। इनमें से सिर्फ शिवम दूबे ने ही भारत के लिए डेब्यू किया है। पांड्या के उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट के लिए तैयारी करना ही समझदारी होगी। टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं को हार्दिक की बराबरी करने की क्षमता रखने वाले हरफनमौला खिलाड़ियों पर लगातार नजर रखने की जरूरत है।