Alert! रूम हीटर चलाकर सोना हो सकता है जानलेवा, जा सकती है आंखों की रोशनी भी, कैसे करें बचाव?
हाइलाइट्स
रूम हीटर कमरे की ऑक्सीजन को जलाकर ही गर्माहट पैदा करते हैं.
ऑक्सीजन घटना और रूम में कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ना खतरनाक.
रूम हीटर कमरे में नमी का स्तर भी घटाकर पहुंचाते हैं काफी नुकसान.
Risky Room Heaters – दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर और पूर्वोत्तर भारत में पिछले हफ्ते से मौसम तेजी से सर्द होता जा रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस हफ्ते के आखिर तक कड़ाके की ठंड पड़ने लगेगी. सर्दी बढ़ने के साथ लोग एक तरफ ज्यादा से ज्यादा गर्म कपड़े पहनकर घर से बाहर निकलना शुरू कर देंगे. वहीं, घर को गर्म रखने के लिए रूम हीटर, ब्लोअर और कोयले वाली अंगीठी का इस्तेमाल शुरू कर देंगे.
अगर आप भी ऐसा ही कुछ प्लान कर रहे हैं तो हम आपको पहले ही अलर्ट कर देना चाहते हैं कि इन सभी चीजों का ज्यादा इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है. रूम हीटर, ब्लोअर या अंगीठी चलाकर सोने से आपकी आंखों की रोशनी जा सकती है. यहां तक कि इससे जान भी जा सकती है. आइए जानते हैं कि ठंड से बचाने वाले ये साधन इतने खरतनाक कैसे हो सकते हैं और इससे कैसे बचा सकता है?
रूम हीटर कैसे छीन सकता है जिंदगी?
हाल में उत्तर प्रदेश के सभल में सामने आया, जहां रूम हीटर चलाकर सो रहे दंपति की नींद में ही मौत हो गई. दरअसल, कमरे को गर्म करने के लिए जब हम रूम हीटर चलाते हैं तो वो कमरे की ही ऑक्सीजन को खींच कर उसे जला देता है. इससे कमरा गर्म तो हा जाता है, लेकिन ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. गैस हीटर का इस्तेमाल करने से नींद में ही मौत का जोखिम बढ़ जाता है. दरअसल, गैस हीटर या अंगीठी से निकलने वाली कार्बन मोनोक्साइड गैस ज्यादा होने पर शरीर में खून की सप्लाई बंद कर सकती है. इससे कमरे में सोने वाले लोगों के दिमाग तक खून नहीं पहुंच पाएगा. ऐसे में ब्रेन हेमरेज हो सकता है. इससे अचानक मौत भी हो सकती है.
रूम हीटर या अंगीठी जलाकर सोने से स्वास्थ्य के लिए कई तरह के खतरे बढ़ जाते हैं.
सांस के मरीजों के लिए कैसे घातक?
रूम हीटर और अंगीठी से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस सांस की नली के जरिये शरीर में पहुंचकर श्वसनतंत्र व अस्थमा के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकती है. ब्रोंकाइटिस और साइनस से जूझ रहे लोगों की एलर्जी रूम हीटर से बढ़ सकती है. ऐसे लोगों को हीटर के पास बैठने पर कफ बनने लगता है. साथ ही छींक और खांसी आने लगती है. इसके अलावा हृदय से जुड़ी बीमारियों का इलाज करा रहे और स्मोकिंग करने वाले लोगों को रूम हीटर चलाकर सोने से कई तरह के खतरे बढ़ जाते हैं.
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कैसे जा सकती है आंखों की रोशनी?
रूम हीटर कमरे में ऑक्सीजन का स्तर घटाने के साथ ही नमी भी खत्म कर देता है. इससे आखों की नमी भी खत्म हो सकती है. इससे आंखों में ड्राईनेस आ जाती है. इससे आंखों में खुजली या जलन हो सकती है. इससे कंजेक्टेवाइटिस भी हो सकता है. इंफेक्शन बढ़ने पर आंखों की रोशनी भी जा सकती है. वहीं, त्वचा रोग के मरीजों की स्किन रूम हीटर के इस्तेमाल से खुश्क हो सकती है. हीटर से निकलने वाले जहरीले कण स्किन एलर्जी को बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा अगर गर्म रूम से बार-बार बाहर आने पर शरीर का तापमान तेजी से घटता-बढ़ता है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है.
रूम हीटर का रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है.
कार्बन मोनोऑक्साइड भरने पर लक्षण
अगर आपको रूम हीटर चलाने के बाद सिरदर्द की शिकायत होने लगे तो समझ जाइए कि कमरे में ऑक्सीजन का स्तर घट गया है और कार्बन मोनोऑक्साइड बढ़ गई है. इसके अलावा चक्कर आना, पेट में दर्द, असहज महसूस होना, उल्टी आना और कमजोरी होना भी कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड भर जाने के संकेत हैं.
हीटर चलाते वक्त क्या बरतें सावधानी?
रूम हीटर को उस समय चलाएं, जब आप कमरे में ना हों. इसके बाद कुछ देर के लिए कमरे को खोल दें और हीटर बंद करके ही बिस्तर पर जाएं. गैस व इलेक्ट्रिक हीटर और अंगीठी के बजाय ऑयल हीटर का इस्तेमाल करें. अगर हीटर चलाना ही है तो कमरे में हीटर के पास ही एक बर्तन में पानी भरकर रखें ताकि कमरे में नमी का स्तर बना रहे. हीटर चलाते समय दरवाजा या खिड़की खोल दें ताकि कमरे में ऑक्सीजन का स्तर ठीक रहे. रात भर हीटर ना चलाएं. बच्चों और बुजुर्गों के कमरे में हीटर बहुत ही कम चलाएं.
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Tags: Dangerous accident, Health News, Health tips, Lifestyle, Winter season
FIRST PUBLISHED : December 21, 2022, 12:22 IST