भगोड़े नीरव मोदी को अब भारत आना ही पड़ेगा! प्रत्यर्पण के खिलाफ की गई आखिरी अपील भी हारा । Nirav Modi loses bid to appeal against extradition to India in UK Supreme Court
लंदन: भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को गुरुवार को उसके प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई में एक और झटका लगा है। लंदन स्थित हाईकोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ उसे ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। नीरव मोदी धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत में वांछित है। लंदन में ‘रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस’ में न्यायमूर्ति जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और न्यायमूर्ति रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया कि ‘‘अपीलकर्ता (नीरव मोदी) की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के अनुरोध वाली अर्जी खारिज की जाती है।’’
डिप्रेशन का शिकार है नीरव मोदी- वकील
भारत लंबे वक्त से 51 वर्षीय नीरव मोदी का प्रत्यर्पण चाहता है लेकिन ब्रिटेन में शरण लिए बैठा नीरव मोदी उस एक्शन से बचने के लिए लगातार अलग-अलग तर्क दे रहा था। ब्रिटेन हाई कोर्ट में नीरव के वकील बता रहे थे कि वो डिप्रेशन का शिकार है और भारत के जेल में जैसी स्थिति है, वहां पर वो सुसाइड भी कर सकता है। इसी तर्क के आधार पर अब तक उसके प्रत्यर्पण का विरोध किया जा रहा था। लेकिन ब्रिटेन की हाई कोर्ट ने पूरी सुनवाई के बाद पिछले महीने नीरव मोदी की उस याचिका को खारिज कर दिया था।
नहीं बचा कोई भी कानूनी विकल्प
कोर्ट ने मनोरोग विशेषज्ञों के बयान के आधार पर कहा था कि उसे ऐसा नहीं लगता कि नीरव डिप्रेशन में है और उसके खुदकुशी करने का जोखिम इतना ज्यादा है कि उसे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के दो अरब डालर ऋण घोटाला मामले में आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण और दमनकारी कदम साबित होगा। हालांकि नीरव ने अपने बचे कानूनी विकल्प का इस्तेमाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी और वहां से भी उसे निराशा हाथ लगी।
14500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप
बता दें कि विशेष पीएमएलए कोर्ट द्वारा दिसंबर 2019 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के अनुसार नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था। इस वक्त वह लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। नीरव मोदी पर मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 14500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।