दक्षिण कोरिया में अपनी आयु से एक साल कम उम्र के हो जाएंगे नागरिक, संसद का ऐतिहासिक फैसला, जानें वजह
दक्षिण कोरिया के लोग अब अपनी उम्र से एक साल कम के हो जाएंगे। इस बारे में कोरियाई संसद में एक अनोखा कानून पास हुआ है। इस फैसले के बाद हर नागरिक की उम्र एक वर्ष कम हो जाएगी। इसका कारण यह है कि दक्षिण कोरिया ऐसा देश है जहां बच्चे के जन्म से ही आयु एक साल की मानी जाती है, जब अन्य देशों में बच्चे के जन्म के 12 महीने बाद ही एक साल का माना जाता है। अब दक्षिण कोरिया अपनी इस पुरानी प्रथा को खत्म करने जा रहा है। यानी कि जन्म के समय ही उम्र में एक साल इजाफा नहीं होगा। यही उम्र प्रणाली अब खत्म कर दी गई है। साल 2023 जून इस प्रणाली के हमेशा के लिए खत्म होने वाला ऐतिहासिक महीना होगा।
दक्षिण कोरिया की संसद ने लिया बड़ा फैसला
दक्षिण कोरिया की संसद ने हाल ही में कोरिया की जनता की उम्र की गिनती करने के दो पारंपरिक तरीकों को खत्म करने के लिए एक कानून पास किया है। अगले साल जून माह से यहां आधिकारिक दस्तावेजों पर उम्र निर्धारित करने के लिए केवल मानकीकृत, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता वाली पद्धति ही अमल में लाई जाएगी।
सरकार ने किया था उम्र प्रणाली खत्म करने का वादा
दरअसल, यहां की सरकार ने एक अभियान के दौरान वादा किया था कि वो देश में लागू भ्रम पैदा करने वाली परंपरागत उम्र प्रणाली को खत्म करेगी। साथ ही सरकार ने सारी दुनिया में उम्र मापने वाली प्रणाली को ही अमल में लाने का वादा किया था। 8 दिसंबर को दक्षिण कोरियाई सरकार ने यही वादा पूरा किया है।
देश में उठ रहे सवाल, नेताओं की हो रही आोचना
परंपरागत आयु प्रणाली को खत्म करने की वजह से राजनेताओं को भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का मानना है कि दक्षिण कोरिया जो एक बड़ी एशियाई अर्थव्यवस्था, वैश्विक तकनीकी और सांस्कृतिक शक्ति है। उम्र की नई प्रणाली की वजह से वो वक्त के पीछे दिखाई देती है।
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने भी की आलोचना
इधर दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक-योल ने भी उम्र की गणना के लिए कई तरीके अपनाने की आलोचना की है। राष्ट्रपति यून का कहना है कि इससे देश की संसाधनों का नुकसान झेलना पड़ता है।
जानें परंपरागत उम्र प्रणाली और उसकी वजह के बारे में
जन्म के वक्त ही उम्र एक साल होने की वजह है कि नवजात के गर्भ में बिताए 9 महीने के वक्त जो कि राउंड फिगर में 12 महीने मानकर एक साल कर लेते हैं। इस तरह से उम्र मापने का यह तरीका एक प्राचीन एशियाई संख्यात्मक प्रणाली से लिया गया है, जिसमें जीरो अस्तित्व में नहीं माना गया है।