Zomato-Flipkart अब नहीं बेच पाएंगे घटिया और नकली प्रोडक्ट, सरकार के इस कदम से मिलेगी मुक्ति Zomato-Flipkart will no longer be able to sell substandard and fake products, this step of the government w
Zomato-Flipkart समेत तमाम ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर घटिया और नकली प्रोडक्ट बेचना अब भारी पड़ेगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने उभोक्ताओं को घटिया और नकली उत्पाद से बचाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की ओर से जारी ऑनलाइन रिव्यू की गाइडलाइंस को लागू कर दिया है। इसके बाद ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियों को उत्पाद का फर्जी रिव्यू या रेटिंग डालना महंगा पड़ेगा। अगर, कंपनियों की गलती पकड़ी जाएगी तो उन्हें भारी जुर्माना का भुगतान करना होगा। उल्लेखनीय है कि अब तक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उत्पाद की पॉपुलरिटी बढ़ाने के लिए फर्जी रेटिंग और रिव्यू का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा था। आम उपभोक्ता फेक रिव्यू देखकर उप्ताद खरीद लेते थे और बाद में ठगा हुआ महसूस करते थे। इससे ऑनलाइन कंपनियों को लेकर शिकायतें तेजी से बढ़ी थी।
पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी
लोकल सर्कल्स के संस्थापक सचिन तपारिया के अनुसार, सरकार की इस पहल से उपभोक्ताओं और ब्रांडों दोनों को फायदा मिलेगा। साथ ही ई-कॉमर्स क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने में मदद मिलेगी। नया कानून रिव्यू करने वाली व्यक्ति की पहचान को सामने लाएगा। इससे फर्जी रिव्यू पर रोक लगेगी। इसका फायदा सभी को होगा। जहां तक गूगल और मेटा जैसे प्लेटफॉर्मों की बात है, नए नियमों के तहत उन्हें समीक्षा करने वाले व्यक्ति को सत्यापित करने की आवश्यकता होगी। यानी इसके बाद सिर्फ रिव्यू लिखने के लिए बनाए गए फर्जी खाते का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए, नए दिशानिर्देश यह सुनिश्चित करेंगे कि निगेटिव समीक्षाओं को दबाया नहीं जाए, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि अन्य उपभोक्ताओं को समस्याओं का जल्द पता चल जाएगा।
दुनियाभर में फेक रिव्यू का है बड़ा कारोबार
सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में फेक रिव्यू का बड़ा कारोबार है। मालदीव, तुर्की, बंग्लादेसा समेत कई देशों में फेक रिव्यू प्रदान करने वाली कंपनियां फल-फूल रही हैं। ये कंपनियां पैसा लेकर रिव्यू लिखती हैं। गौरतलब है कि अधिकांश ग्राकह ई-कॉमर्स वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दूसरे ग्राहकों द्वारा की गई समीक्षा के आधार पर जरूरी सामान की खरीदारी करते है। कई बार समीक्षाएं फर्जी होती हैं और लोग गलत उत्पाद खरीद लेते हैं। नए कानून के बाद ऐसा करना मुश्किल होगा।