Central government has given a target of raising crores of rupees to the government body departments | सरकार ने इन विभागों को दिए करोड़ों रूपये जुटाने का लक्ष्य, कोयला मंत्रालय ने मारी बाजी
सरकार ने राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत 2022-23 में अबतक 33,422 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाया है। कोयला मंत्रालय 17,000 करोड़ रुपये जुटाने के साथ सूची में सबसे ऊपर है। वहीं पोत परिवहन मंत्रालय ने अपने लक्ष्य को पार कर लिया है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में कार्यक्रम के पहले साल के लक्ष्य 88,000 करोड़ रुपये को पार करते हुए एक लाख करोड़ रुपये के सौदे पूरे किए थे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) परमेश्वरन अय्यर के साथ 14 नवंबर को बैठक कर सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने की योजना समीक्षा की थी।
टार्गेट पूरा होने में आ सकती है समस्या
सरकार के ताजा अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में 1,62,422 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले प्राप्ति 38,243 करोड़ रुपये कम रह सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘एनएमपी के तहत संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने से चालू वित्त वर्ष में 1,24,179 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है।’’ सूत्रों ने कहा कि कोयला मंत्रालय, खान मंत्रालय और बंदरगाह तथा पोत परिवहन मंत्रालयों की प्राप्तियां एनएमपी के लक्ष्य से अधिक रहने की संभावना है। वहीं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय लक्ष्य प्राप्त करने के रास्ते पर है।
दूसरी तरफ बिजली मंत्रालय, रेलवे, नागर विमानन मंत्रालय और तेल एवं गैस मंत्रालय निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने से चूक सकते हैं। कोयला मंत्रालय ने 2022-23 में संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य के मुकाबले अबतक 17,000 करोड़ रुपये प्राप्त किये हैं। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 32,855 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 4,100 करोड़ रुपये हासिल किये हैं।
सरकार इस बात पर कर रही है विचार
सूत्रों ने बताया कि सरकार मंत्रालयों के बजटीय समर्थन को मौद्रीकरण से जोड़ने पर विचार कर रही है। मंत्रालयों से अतिरिक्त संपत्तियों को चिन्हित कर लक्ष्य हासिल करने को कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाने के लिये गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओड़िशा को विशेष तौर पर चिन्हित किया गया है। योजना को लेकर इन राज्यों पर जोर है। इन राज्यों में राज्य राज्यमार्ग और एक्सप्रेसवे, पारेषण नेटवर्क, शहरी टर्मिनल तथा सरकारी गोदामों को संपत्तियों के रूप में चिन्हित किया गया है।