शी जिनपिंग का तीसरी बार राष्ट्रपति चुना जाना दुनिया के लिए घातक, जानिए किन चुनौतियों का करना होगा सामना-xi jinping third time president chosen why dangerous for world what are the challenges
Highlights
- तीसरी बार चुने गए शी जिनपिंग
- एक बार दोबारा बने राष्ट्रपति
- देश पर नियंत्रण को करेंगे मजबूत
Xi Jinping: चीन का राष्ट्रपति शी जिनपिंग का तीसरे कार्यकाल के लिए चुना जाना पूरी दुनिया के लिए बुरी खबर है। इससे व्यापार, सुरक्षा और मानवाधिकार के मुद्दों पर और तनाव का सामना करना पड़ेगा। जिनपिंग चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) का तीसरी बार नेतृत्व संभालने जा रहे हैं। इसी आधार पर विश्लेषकों ने ये आकलन किया है। विश्लेषकों का कहना है कि जिंनिपिंग घरेलू स्तर पर नियंत्रण को कड़ा कर रहे हैं और चीन के विदेश में प्रभाव बढ़ाने के लिए अपनी आर्थिक शक्ति का इस्तेमाल कर रहा है। अमेरिका आरोप लगाता रहा है कि चीन उसके गठबंधन, वैश्विक सुरक्षा और आर्थिक नियमों को कमतर करने की कोशिश कर रहा है।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जिंनिपिंग सरकार उत्पीड़न को लेकर हो रही आलोचनाओं से ध्यान भटकाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार की परिभाषा को बदलने की कोशिश कर रही है। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के विलियम केलेहन के अनुसार शी जिंनपिंग कहते हैं कि ‘विश्व व्यवस्था ध्वस्त हो रही है और चीन इसका उत्तर है। जिंनपिंग जितना ही चीनी शैली को दुनिया के सार्वभौमिक मॉडल के तौर पर पेश करेंगे, उतना ही शीत युद्ध के काल की तरह संघर्ष बढ़ेगा।’ गौरलब है कि शनिवार को संपन्न सीपीसी के महासम्मेलन में कोविड-19 के खिलाफ शून्य बर्दाश्त की नीति में ढील के कोई संकेत नहीं दिए गए, जिससे चीन की जनता हताश है।
बीजिंग के हितों की रक्षा की बात कही
जिनपिंग ने प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर होने, सैन्य विकास तेजी से करने और विदेश में ‘बीजिंग’ के हितों की रक्षा करने का आह्वान किया है। उन्होंने उन नीतियों में बदलाव करने की घोषणा नहीं की है, जिससे अमेरिका और पड़ोसियों के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण हुए हैं। शी जिनपिंग को परपंरा से परे रविवार को पार्टी नेतृत्व के लिए पांच साल का तीसरा कार्यकाल दिया गया।
उन्हें सात सदस्यीय पार्टी की स्थायी समिति का सदस्य नामित किया गया और समिति ने उन्हें अपनी योजनाओं पर अमल करने की छूट दी। एशिया सोसाइटी के अध्यक्ष और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविड रड ने कहा, ‘स्वतंत्र सोच रखने वालों को मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारों के प्रति रूढ़ीवादी जिनपिंग के बारे में इस सोच पर विराम लगाना चाहिए कि वह शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था को उदार बनाएंगे।’
सरकार के विरोधियों को जेल में डाला गया
केलेहन ने कहा कि जिंनिपिंग की सरकार ने विरोधियों को जेल में डाला है, इंटरनेटपर बंदिशे लगाई हैं और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को कुचला है। उनकी ‘सामाजिक विश्वास’ पहल नागरिकों पर नजर रखती है और दंडित करती है। जिनपिंग देश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाना चाहते हैं।
अमेरिकी अधिकारियों को चिंता है कि चीनी प्रतिस्पर्धा से अमेरिकी औद्योगिक नेतृत्व को चुनौती मिल सकती है। चीन पश्चिमी प्रौद्योगिकी खासतौर पर अमेरिकी प्रौद्योगिकी तक पहुंच बनाने में चुनौती का सामना कर रह है। फ्रांसीसी निवेश बैंक नैटिक्सिस की एलिसिया ग्रेसिया ने कहा कि चीन खुद को अलग नहीं कर रहा है लेकिन पश्चिमी देशों से जारी तनाव के मद्देनजर रणनीतिक निर्भरता को कम करना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘इससे कुछ तनाव की स्थिति पैदा होगी।’