Pakistan IHC to indict ex-PM Imran Khan for contempt of court | बड़ी मुश्किल में फंसने वाले हैं इमरान खान? अवमानना मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला
Imran Khan News: पाकिस्तान की एक कोर्ट ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने इमरान के खिलाफ एक महिला जज के बारे में विवादास्पद बयान से जुड़े अदालत की अवमानना के मामले में उनके जवाब को ‘असंतोषजनक’ बताते हुए अभियोग तय करने का फैसला किया है। इस महीने की शुरुआत में इस्लामाबाद में हुई एक रैली के दौरान इमरान ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार अपने सहयोगी शाहबाज गिल के साथ हुए व्यवहार को लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों, चुनाव आयोग और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की चेतावनी दी थी।
क्या था इमरान का विवादित बयान?
इमरान ने अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी को लेकर भी बयान दिया था जिन्होंने पुलिस के अनुरोध पर गिल की 2 दिन की हिरासत मंजूर की थी। उन्होंने कहा था कि ‘उन्हें (चौधरी) तैयार रहना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’ भाषण के कुछ घंटों बाद इमरान पर उनकी रैली में पुलिस, न्यायपालिका और अन्य संस्थाओं को धमकाने के लिए आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। जस्टिस आमेर फारूक ने गिल की पुलिस हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इमरान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया था।
2 हफ्ते बाद तय किए जाएंगे अभियोग
चीफ जस्टिस अतहर मिनाल्लाह की अध्यक्षता वाली इस्लामाबाद हाई कोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ ने अवमानना मामले पर सुनवाई की। वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया कि अवमानना के मामले में आगे बढ़ना है या इसे छोड़ देना है। एक छोटे से ब्रेक के दौरान जजों ने मामले पर चर्चा की। इसके बाद अदालत ने कार्यवाही शुरू होने पर कहा कि 2 हफ्ते के बाद इमरान के खिलाफ औपचारिक रूप से अभियोग तय किए जाएंगे। पहली सुनवाई के दौरान 31 अगस्त को इमरान कोर्ट के सामने पेश हुए, जिसने पीठ द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस पर उनके लिखित जवाब को लेकर असंतोष व्यक्त किया।
इमरान का जवाब जजों को नामंजूर
इसके बाद भी अदालत ने उन्हें लिखित में उचित जवाब दाखिल करने का दूसरा मौका दिया था। बुधवार को प्रस्तुत पूरक जवाब को पीठ ने मंजूर नहीं किया क्योंकि इमरान ने अपने बयान पर सिर्फ खेद जताया था और माफी नहीं मांगी थी। चीफ जस्टिस मिनल्लाह ने सुनवाई के दौरान कहा कि कारण बताओ नोटिस का जवाब न्यायपालिका की अवमानना को ‘तर्कसंगत’ करार देता प्रतीत होता है और इसमें ‘कोई अफसोस या खेद नहीं’ दिखता है। माना जा रहा है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद इमरान खान की मुश्किलों में इजाफा हो सकता है।