लंकेश के आरोपी की जमानत याचिका पर अदालत के आदेश से प्रभावित हुए बिना फैसला करें: SC– News18 Hindi
जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने कर्नाटक सरकार और अन्य को नोटिस जारी किए तथा उनसे उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर कविता की याचिका पर अपना जवाब देने को कहा. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ का हिस्सा थे.
पीठ ने कहा कि अंतरिम राहत का अनुरोध करने और विशेष अनुमति याचिका दायर करने की अनुमति मांगने वाले प्रार्थियों को नोटिस जारी किए जाएं. उसने कहा, ‘प्रतिवादी संख्या छह के वकील की दलीलें सुनने के बाद हमारा मानना है कि उच्च न्यायालय के समक्ष दायर प्रतिवादी संख्या छह की याचिका पर उस फैसले से प्रभावित हुए बिना निर्णय लिया जाए, जिसे चुनौती दी गई है.’
न्यायालय ने मामले की सुनवाई 15 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी. कविता की याचिका के अनुसार, नायक ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले के आधार पर जमानत का अनुरोध किया है, जिसके तहत 22 अप्रैल को उसके खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया गया था.
कविता के वकील ने शीर्ष अदालत से कहा कि एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने खुलासा किया था कि नायक उस गिरोह का हिस्सा था, जो संगठित अपराध के कई मामलों में शामिल था. वामपंथी विचारधारा वाली कार्यकर्ता एवं पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु में उनके घर के बाहर पांच सितंबर 2017 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.