Sri Lanka Crisis: Ranil Wickremesinghe said, my 4 thousand books and 125 year old piano were burnt | ‘मेरा 125 साल पुराना पियानो भी फूंक दिया’, इंटरव्यू में छलका विक्रमसिंघे का दर्द
Highlights
- प्रदर्शनकारियों के एक ग्रुप ने विक्रमसिंघे के निजी आवास में आग लगा दी थी।
- रानिल विक्रमसिंघे ने बताया कि जली हुई किताबों में से कई सदियों पुरानी थीं।
- विक्रमसिंघे ने कहा कि आग से उनके घर में रखी ज्यादातर चीजें खाक हो गई हैं।
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को कहा कि उनके घर पर हुई आगजनी में ज्यादातर चीजें भस्म हो गई हैं। 9 जुलाई को सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के एक ग्रुप ने विक्रमसिंघे के निजी आवास में आग लगा दी थी। विक्रमसिंघे ने बताया कि आगजनी में उनके 125 साल पुराने पियानो को नुकसान पहुंचा है और 4 हजार से ज्यादा किताबें जलकर खाक हो गई हैं। कार्यवाहक राष्ट्रपति ने कहा कि उनमें से कई किताबें तो सदियों पुरानी थीं।
‘घर में रखी ज्यादा चीजें हुईं खाक’
जबरदस्त आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने 9 जुलाई को राष्ट्रपति आवास समेत कई बड़े दफ्तरों पर धावा बोल दिया था। इसके कुछ ही घंटे बाद प्रदर्शनकारियों ने विक्रमसिंघे के कैंब्रिज प्लेस स्थित निजी आवास को आग के हवाले कर दिया था। ‘CNN’ को दिए एक इंटरव्यू में विक्रमसिंघे ने कहा कि आग से उनके घर में रखी ज्यादातर चीजें खाक हो गई हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी 4 हजार से ज्यादा किताबें गंवा दी हैं, जिनमें से कई सदियों पुरानी थीं। 125 साल पुराना मेरा एक पियानो भी आग से खराब हो गया।’
‘सरकारी इमारतों पर कब्जे की इजाजत नहीं’
ट्विटर पर आग से तबाह विक्रमसिंघे के घर और एक कार सहित कुछ चीजों की तस्वीरें और वीडियो सामने आए थे। इनमें विक्रमसिंघे के घर के अंदर और बाहर कई जली हुई तस्वीरें और कलाकृतियां जमीन पर बिखरी नजर आई थीं। विक्रमसिंघे ने कहा कि वह शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने के प्रदर्शनकारियों के अधिकार का सम्मान करते हैं, लेकिन वह उन्हें प्रधानमंत्री के घर या राष्ट्रपति आवास जैसी अहम सरकारी इमारतों पर कब्जा करने की इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने श्रीलंका के सशस्त्र बलों और पुलिस को कोई भी आवश्यक कार्रवाई करने की छूट दे दी है।
राजपक्षे के इस्तीफे के बाद थोड़ी शांति
विक्रमसिंघे ने कहा कि हम पुलिस और सेना को हथियार का इस्तेमाल करने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन पर कई मौकों पर हमले हुए हैं, बावजूद इसके हमने उनसे कहा है कि जितना हो सके, हथियार का इस्तेमाल न करें। बता दें कि श्रीलंका में पिछले कई महीनों से जोरदार प्रदर्शन जारी थे और गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद देश में थोड़ी शांति आई है। हालांकि अभी भी ज्यादातर श्रीलंकाई बुनियादी सुविधाओं, दवाओं, ईंधन और खाने-पीने के सामान की कमी का सामना कर रहे हैं।