रायपुर. कोरोना टूलकिट मामले को लेकर जहां देशभर में जुबानी जंग और सियासत चल रही है, वहीं छत्तीसगढ़ में नौबत FIR और उस पर प्रदर्शन तक पहुंच गई है. खासकर आज जब भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड प्रवक्ता संबित पात्रा को रायपुर की सिविल लाइंस थाने की पुलिस ने नोटिस भेजा, उसके बाद सियासी सरगर्मी बढ़ गई. सियासी जानकारों की मानें तो इसका सबसे अधिक लाभ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को मिल रहा है. रमन सिंह के खिलाफ टूलकिट मामले को लेकर हुई एफआईआर के बाद बने माहौल को लेकर कहा जा रहा है कि विधानसभा की हार के बाद हाशिए पर चले गए डॉ. सिंह के पॉलिटिकल करियर को इस एफआईआर ने नई हवा दी है. दरअसल, सियासत में कुछ ऐसे वाकये होते हैं, जो शुरुआत में देखने पर तो नेताओं को टेंशन देने वाले लगते हैं, लेकिन कई बार ऐसी ही घटनाओं का पॉलिटिकल माइलेज उन्हें मिलने लगता है. कुछ ऐसा ही इस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ हो रहा है. विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद हाशिए पर गए रमन सिंह के ऊपर टूलकिट मामले को लेकर एफआईआर हुई. इसके बाद वे फिर एक बार छत्तीसगढ़ में बीजेपी का चेहरा बनकर चमक उठे हैं. मामला राष्ट्रीय स्तर का होने और रमन के खिलाफ एफआईआर में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
संबित पात्रा का नाम जुड़ा होने की वजह से इस मामले पर राष्ट्रीय नेतृत्व की निगाहें भी टिकी हैं. सो छत्तीसगढ़ पार्टी इकाई के भीतर रमन विरोधियों चाहे-अनचाहे पूर्व सीएम को समर्थन देना ही पड़ रहा है.
टूलकिट मामले पर बोले सियासी विशेषज्ञ
राजनीतिक विश्लेषक बाबूलाल शर्मा का कहना है कि इस मामले के बाद रमन सिंह का कद और बढ़ेगा, क्योंकि इस मामले में बड़े नेताओं का नाम सीधे जुड़ा होने के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से साबित किया है कि वे प्रदेश में बीजेपी का नेतृत्व कर रहे हैं. गौरतलब यह है कि कांग्रेस पार्टी के टूलकिट को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के ऊपर हमला बोला था. छत्तीसगढ़ में इसको लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दिखी. रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ शिकायत कर दी गई, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को नोटिस भेजा है. संबित पात्रा को 22 मई को नोटिस भेजा गया है और उन्हें 23 मई की शाम 4 बजे सिविल लाइंस थाने में पेश होने को कहा गया है. हालांकि पुलिस ने बीजेपी के प्रवक्ता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये भी पेश होने की छूट दी है.
रमन सिंह और संबित पात्रा पर हुई एफआईआर
टूलकिट मामले को लेकर रायपुर के सिविल लाइन थाने में रमन सिंह और संबित पात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले को लेकर बीजेपी लगातार प्रदर्शन कर रही है. गौर करने वाली बात यह है कि बीजेपी के इन प्रदर्शनों वे भी नेता भी शामिल हैं, जिन्हें सियासी गलियारों में रमन-विरोधी कहा जाता है. हालांकि बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि टूलकिट को लेकर कांग्रेस केन्द्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. बीजेपी इसका विरोध कर रही है और यही वजह है कि इस वक्त पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ खड़ी है.
कांग्रेस बोली- टूलकिट पर राजनीति कर रहे रमन
इधर, कथित टूलकिट मामले में कांग्रेस नेताओं का बयान भी सियासी जानकारों की बातों का समर्थन करता दिखता है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि रमन सिंह अपने डूबते हुए पॉलीटिकल करियर को बचाने के लिए टूलकिट मामले का उपयोग कर रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने न्यूज 18 के साथ बातचीत में कहा भी कि रमन सिंह टूलकिट के बहाने राजनीति कर रहे हैं. बहरहाल, क्या कोई FIR कभी किसी की राजनीति को चमकाने का जरिया बन सकती है? यह सवाल छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में घूम रहा है, क्योंकि ये सियासत है और यहां कुछ भी हो सकता है. इसलिए ये देखना दिलचस्प होगा कि कथित टूलकिट का मुद्दा क्या वाकई रमन सिंह के लिए पॉलिटिकल टूलकिट साबित होगा.