यूपी के मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य, धर्मगुरु बोले- शक की नजर से देखना बंद करे सरकार
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में मदरसों में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है. वहीं, यूपी सराकर के इस आदेश की जद में प्रदेश में चलने वाले सभी अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसे आएंगे. यही नहीं, मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ-साथ उनके शिक्षकों को भी अनिवार्य रूप से राष्ट्रगान गाना होगा. मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडे की तरफ से यह आदेश जारी करते हुए कहा गया है कि वार्षिक अवकाश 30 मार्च 2022 से शुरू होकर 11 मई 2022 को खत्म गया है. इसके बाद आज (12 मई) को नियमित कक्षाओं के शुरू होने के समय राष्ट्रगान अनिवार्य है.
उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री और मौजूदा हज कमेटी के चेयरमैन मोहसिन रजा कहते हैं कि राष्ट्रगान अनिवार्य करने का फैसला एक बड़ा कदम है और इससे बच्चों के भीतर देशभक्ति की भावना बढ़ेगी. साथ ही कहा कि बच्चे देशभक्ति की भावना से राष्ट्रगान का मतलब समझ सकेंगे.
मुस्लिम धर्मगुरु ने कही ये बात
वहीं, वरिष्ठ मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सुफियान निजामी (Maulana Sufiyan Nizami) कहते हैं कि मदरसों को लेकर राष्ट्रीय गान अनिवार्यता का फैसला बहुत अच्छा है. मदरसों में सुबह शाम दोनों समय राष्ट्रगान कराया जाए, लेकिन मदरसों की हालत भी बेहतर की जाए. मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर किया जाए. उन्होंने कहा कि इससे पहले एनसीईआरटी की किताबों को लागू करने का आदेश दिया गया, लेकिन 5 सालों में सरकार एनसीईआरटी की किताबें मदरसों तक नहीं पहुंचा पाई. कभी मदरसा मॉर्डनाइजेशन के नाम पर पॉलिटिक्स की गई, तो कभी मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल करने को कहा गया. यही नहीं, कभी मदरसों में जांच कराई गई, लेकिन इन तमाम बातों के बाद भी सरकार मदरसों के हालत नहीं सुधार पाई.
मदरसे को शक की निगाहों से देखना बंद करें सरकार
इसके साथ मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि सरकार मदरसों के सौतेले रवैया को खत्म करें और मदरसे को शक की निगाहों से देखना बंद करे. सिर्फ मदरसों पर ही इस तरह के नियम और फैसले थोपे जा रहे हैं. जबकि एजुकेशन के कई और दायरे हैं वहां पर कभी इस तरह की बातें नहीं की जाती. निजाम ने कहा कि आपको मदरसों में जो करना है उसे कर लें, लेकिन मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करें.
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FIRST PUBLISHED : May 12, 2022, 17:48 IST