Gold Monetisation Scheme: सरकार बना रही है गोल्ड स्कीम को फायदेमंद, जानिए घर पर रखे सोने से कैसे कर सकते हैं कमाई
Highlights
- सरकार गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में न्यूनतम जमा को कम करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है
- गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में अभी न्यूनतम सीमा 10 ग्राम थी जिसे 5 ग्राम किया जा सकता है
- सरकार ने न्यूनतम जमा राशि को 30 ग्राम से घटाकर 10 ग्राम कर दिया था
भारतीयों के बीच सोना हमेशा से निवेश का सबसे सुरक्षित माध्यम माना जाता है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में सिर्फ महिलाओं के पास इस समय करीब 21 टन सोना मौजूद है। लोगों के इसी रुझान को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (जीएमएस) लॉन्च की है। बीते कई साल के अनुभव के बाद अब सरकार इस स्कीम में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार सरकार गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत अब न्यूनतम जमा की जरूरत को चरणबद्ध तरीके से कम करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसका फायदा यह होगा कि अब बड़ी संख्या में लोग घर में पड़े सोने को बैंकों के पास जमा कर उस पर लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
घटेगी न्यूनतम जमा की सीमा
मौजूदा नियम के अनुसार गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम में अभी न्यूनतम सीमा 10 ग्राम थी। जिसे अब घटाकर 5 ग्राम (दिल्ली में मौजूदा कीमतों पर 25,690 रुपये) किया जा सकता है। माना जा रहा है कि आगे चलकर इसकी सीमा को घटा कर सिर्फ 1 ग्राम या उससे कम किया जा सकता है। बता दें कि पिछले साल, सरकार ने न्यूनतम जमा राशि को 30 ग्राम से घटाकर 10 ग्राम कर दिया था।
सरकार को मिला 21 टन सोना
2020 में कोविड के प्रकोप से ठीक पहले, सरकार को गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम की शुरुआत के पहले चार वर्षों में केवल 21 टन सोना मिला था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड कार्यक्रम में तब तक अधिक संग्रह हुआ था, जो लगभग 30 टन कीमती धातु के बराबर था। दोनों योजनाओं को नवंबर 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापार और चालू खाता शेष को ठीक करने के लिए सोने के आयात को हतोत्साहित करने के लिए लॉन्च किया गया था।
क्या है गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम
घर में अक्सर सोने की ज्वैलरी या सिक्के रहते हैं। घर में यूं ही रखे सोने से आप कमाई कर सकते हैं। यह सुविधा आपको गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत बैंक उपलब्ध कराते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर 2015 में गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे। इस स्कीम में ग्राहक बैंक में अपना सोना जमा कर उस पर ब्याज हासिल कर सकते हैं।
कौन जमा कर सकता है सोना
इस श्रेणी में सोना जमा करने के लिए खास नियम हैं। आरबीआई के अनुसार व्यक्तिगत रूप से आप सोना बैंक में जमा कर सकते हैं। इसके अलावा संयुक्त खाताधारक के रूप में, HUF के रूप में, प्रोपराइटरशिप और पार्टनरशिप फर्म्स के रूप में, ऐसे ट्रस्ट, जिनमें म्यूचुअल फंड/सेबी (म्युचुअल फंड) विनियमन के अंतर्गत पंजीकृत एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शामिल हैं। इसके अलावा कंपनियां, धर्मार्थ संस्थाएं, केंद्र सरकार, राज्य सरकार या केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कोई अन्य संस्था इस योजना में सोना जमा कर सकती है।
लिमिट और स्कीम के प्रकार
आप इस योजना के तहत बैंक में कम से कम 10 ग्राम सोना जमा कर सकते है। सरकार यही लिमिट घटाने पर विचार कर रही है। अधिकतम जमा की कोई सीमा नहीं है। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में गोल्ड जमा कराने के तीन विकल्प हैं। शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) की अवधि 1-3 साल तक के लिए है। वहीं, मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म डिपॉजिट की अवधि क्रमश: 5-7 साल और 12-15 साल है।