Covid News: Study found that the risk of death due to coronavirus in diabetic patients doubles | स्टडी में पता चला, डायबिटीज के मरीजों में कोरोना के कारण मौत का खतरा दोगुना हो जाता है


Diabetic patients at higher risk from Covid-19.
Highlights
- मधुमेह से पीड़ित लोगों में कोविड-19 के कारण मरने की आशंका आम लोगों के मुकाबले लगभग दोगुनी है।
- इसके अलावा डायबिटिज से पीड़ित लोगों के गंभीर रूप से संक्रमित होने की आशंका भी लगभग 3 गुनी है।
- ब्रिटेन की एबरडीन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने दुनिया भर के हजारों लोगों से जुड़े आंकड़ों की समीक्षा की।
लंदन: कोरोना वायरस ने जब शुरुआती दिनों में दुनिया में तबाही मचाई थी तभी साफ हो गया था कि डायबिटिज के मरीजों के लिए यह औरों के मुकाबले ज्यादा घातक है। अब इस पर एक नई स्टडी आई है, जिससे पता लगा है कि मधुमेह से पीड़ित लोगों में कोविड-19 के कारण मरने की आशंका आम लोगों के मुकाबले लगभग दोगुनी और उनके गंभीर रूप से संक्रमित होने की आशंका लगभग 3 गुनी है। ब्रिटेन की एबरडीन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने दुनिया भर के हजारों लोगों से जुड़े आंकड़ों की समीक्षा की और पाया कि बीमारी के बेहतर मैनेजमेंट से रिस्क को कम किया जा सकता है।
दुनिया भर से 2.7 लाख लोग हुए थे रिसर्च में शामिल
रिसर्चर्स की टीम में लंदन के किंग्स कॉलेज के रिसर्चर्स भी शामिल थे। रिसर्च टीम ने पाया कि मधुमेह (डायबिटिज) से पीड़ित मरीजों के कोविड के कारण गंभीर रूप से बीमार होने और उनकी मृत्यु होने की अधिक आशंका होती है लेकिन ऐसे रोगियों में ब्लड शुगर को कंट्रोल कर इस रिस्क को काफी हद तक कम किया जा सकता है। रिसर्चर्स ने 158 विभिन्न स्टडी के निष्कर्षों की समीक्षा की जिनमें दुनिया भर के 2,70,000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। रिसर्चर्स ने यह पता लगाने की कोशिश कि कोविड, डायबिटिज से पीड़ित लोगों को कैसे प्रभावित करता है।
ICU में भर्ती होने की संभावना भी 1.59 पर्सेंट ज्यादा
रिसर्चर्स के मुताबिक, निष्कर्षों से पता चला है कि डायबिटिज से पीड़ित मरीजों में कोविड से मरने की आशंका 1.87 गुना अधिक थी और उनके गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में भर्ती होने की आशंका 1.59 गुना अधिक थी। स्टडी के लिए आंकड़े चीन, कोरिया, अमेरिका, यूरोप और पश्चिम एशिया सहित पूरी दुनिया से इकट्ठा किए गए थे। इस बीच एक स्टडी में पता चला है कि फाइजर या मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन की चौथी खुराक सुरक्षित है और तीसरी खुराक के मुकाबले एंटीबॉडी के स्तर को कहीं अधिक बढ़ाती है।