बिजनेस

SC refers to other bench pleas of banks against disclosure of information under RTI | RTI के तहत अहम् सूचनाओं के खुलासे के खिलाफ बैंकों की याचिकाओं को न्यायालय ने दूसरी पीठ को भेजा

RTI के तहत अहम् सूचनाओं के खुलासे के खिलाफ बैंकों की याचिकाओं को न्यायालय ने दूसरी पीठ को भेजा- India TV Paisa
Photo:PTI

RTI के तहत अहम् सूचनाओं के खुलासे के खिलाफ बैंकों की याचिकाओं को न्यायालय ने दूसरी पीठ को भेजा

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने भारतीय रिजर्व बैंक के एक निर्देश के खिलाफ एसबीआई और एचडीएफसी बैंक सहित अन्य बैंकों की याचिकाओं को एक अन्य पीठ के पास भेज दिया है। बैंकों ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत महत्वपूर्ण सूचनाएं मसलन गोपनीय वार्षिक रिपोर्ट और डिफॉल्टरों की सूची आवेदकों को उपलब्ध कराने के केंद्रीय बैंक के निर्देश को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने इस बात पर विचार किया कि न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली एक पीठ पहले 2015 में बैंकों के जयंतीलाल एन मिस्त्री मामले में दिए निर्णय को वापस लेने की याचिकाओं पर सुनवाई कर चुकी है। 

इस मामले में यह व्यवस्था दी गई थी कि वित्तीय संस्थानों को पारदर्शिता कानून के तहत सूचनाओं का खुलासा करना होगा। इससे पहले, 28 अप्रैल को न्यायमूर्ति राव और न्यायमूर्ति विनीत शरण की पीठ ने कुछ बैंकों की इस फैसले को वापस लेने की अपील को ठुकरा दिया था। पीठ ने कहा था कि इस फैसले को वापस लेने की अपील करने वाली याचिकाएं टिकने योग्य नहीं हैं। हालांकि, पीठ ने बैंकों को फैसले और रिजर्व बैंक के निर्देश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अन्य उपायों को लेकर अपील करने की अनुमति दी। ये याचिकाएं न्यायमूर्ति नजीर की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध थीं। 

पीठ ने इन्हें उस पीठ को भेजने का फैसला किया, जो पहले इस तरह के मामले पर निर्णय कर चुकी है। इससे पहले बैंकों ने कहा था कि न तो वे पक्ष हैं और न ही इस मामले में उनको सुना गया है, जिसकी वजह से 2015 का वह फैसला आया है जिसमें कहा गया है कि रिजर्व बैंक को पारदर्शिता कानून के तहत गोपनीय वार्षिक रिपोर्ट और डिफॉल्टरों की सूची आदि की सूचना उपलब्ध करानी होगी।

केंद्र, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तथा एचडीएफसी बैंक लि. ने 2015 के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है जिसकी वजह से रिजर्व बैंक ने उन्हें महत्वपूर्ण जानकारियां और सूचनायें सूचना के अधिकार के तहत आवेदक को उपलब्ध कराने को कहा है। न्यायमूर्ति नजीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि वह पहले यह तय करेगी की क्या केन्द्र और बैंकों की याचिका को न्यायमूति राव की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा देखा जाना चाहिये।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
VIVA99 adalah salah satu deretan daftar situs judi online terpercaya dan paling gacor yang ada di indonesia . VIVA99 situs agen judi online mempunyai banyak game judi slot online dengan jacpot besar, judi bola prediksi parlay, slot88, live casino jackpot terbesar winrate 89% . Mau raih untung dari game judi slot gacor 2022 terbaru? Buruan Daftar di Situs Judi Slot Online Terbaik dan Terpercaya no 1 Indonesia . VIVA99 adalah situs judi slot online dan agen judi online terbaik untuk daftar permainan populer togel online, slot88, slot gacor, judi bola, joker123 jackpot setiap hari