मध्य प्रदेश के खरगोन में कर्फ्यू, मेरठ में जागरण पर रोक… जानें ईद से पहले राज्यों में कैसे हैं सुरक्षा इंतज़ाम
नई दिल्ली. देश भर में राज्य सरकारों और शहर प्रशासन ने ईद के त्योहार से पहले एहतियाती कदम उठाए हैं. उत्तर प्रदेश, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों ने प्रतिबंधों का ऐलान किया है. साथ ही लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. इस बीच इस यूपी सरकार ने 54,000 लाउडस्पीकरों को हटा दिया है. ईद-उल-फितर का त्योहार 2 मई या 3 मई को चांद दिखने के आधार पर मनाया जाएगा. जबकि अक्षय तृतीया भी 3 मई को ही है.
कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो सालों से ईद का त्योहार बड़े पैमाने पर नहीं मनाया गया है. लेकिन इस बार बड़े स्तर पर ईद मनाने की तैयारी चल रही है. लिहाजा इस बार प्रशासन ज्यादा मुस्तैद है. आईए एक नज़र डालते हैं कि राज्यों ने किस तरह के एहतियाती कदम उठाए हैं…
लाउड स्पीकर के खिलाफ अभियान
उत्तर प्रदेश में लाउड स्पीकर के खिलाफ अभियान 30 अप्रैल को समाप्त होने के बाद धार्मिक स्थलों से लगभग 54,000 लाउड स्पीकर हटा दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश में जिला प्रशासन ने भी 60,295 लाउडस्पीकरों की आवाज़ कम कर दी है. यूपी पुलिस के रविवार को राज्य सरकार को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है.
खरगोन में कर्फ्यू में ढील नहीं
मध्यप्रदेश के खरगोन शहर में ईद-उल-फितर और अक्षय तृतीया त्योहारों के मद्देनजर 2 और 3 मई को कर्फ्यू में ढील नहीं दी जाएगी. शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी पर शोभायात्रा के दौरान हुए पथराव व आगजनी के बाद लागू कर्फ्यू में पिछले कुछ दिन से कुछ घंटे के लिए ढील मिल रही है. कर्फ्यू में रविवार (एक मई) सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ढील दी गई है और इस दौरान लोग इन त्योहारों के लिए खरीदारी कर सकते हैं. खरगोन शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी की शोभायात्रा पर कथित पथराव के बाद आगजनी की घटनाएं हुई थी, जिसमें दुकानों, घरों एवं वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. 14 अप्रैल से स्थानीय प्रशासन कुछ घंटों के लिए कर्फ्यू में ढील दे रहा है.
बिहार का हाल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर उठे विवाद को शनिवार को खारिज करते हुए कहा कि उनकी सरकार धार्मिक गतिविधियों में हस्तक्षेप नहीं करती है. मुख्यमंत्री कुमार नीतीश कुमार ने कहा, ‘यह सब फालतू की बातें हैं. सभी जानते हैं कि बिहार में हम किसी भी तरह के धार्मिक मामले में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. निश्चित रूप से कुछ लोग सोचते हैं कि उनका काम मुद्दे उठाना है और वे इसे करते रहते हैं.’बता दें कि बिहार में भाजपा नेता मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग कर रहे हैं. यहां तक कि बिहार में भाजपा के कई बड़े नेता राज्य में ‘योगी मॉडल’ लागू करने तक की बात कह चुके हैं, जिसके तहत उच्च डेसीबल ध्वनि से उत्पन्न स्वास्थ्य खतरों का हवाला देते हुए लाउडस्पीकर को धार्मिक स्थलों से हटा दिया गया है.
पुणे में नहीं बजेंगे DJ
धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर विवाद के मद्देनजर, पुणे में पांच मस्जिदों के अधिकारियों और कुछ अन्य मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने आगामी ईद समारोह के दौरान डीजे संगीत को बंद करने और गरीबों की मदद के लिए इसके लिए एकत्रित धन का उपयोग करने का फैसला किया है. महाराष्ट्र के लोहिया नगर इलाके में भारतीय अंजुमन कदरिया मस्जिद के इमाम मौलाना मोहसिन रजा ने कहा कि ऐसे तेज डीजे संगीत के दुष्परिणाम सभी जानते हैं, जो बीमार लोगों और कमजोर दिल वालों के लिए अच्छा नहीं है.
लखनऊ में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
रमजान के पवित्र महीने के आखिरी शुक्रवार को दी जाने वाली अलविदा नमाज को लेकर राज्य की राजधानी लखनऊ में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. केवल पांच व्यक्तियों को एक समूह में नमाज अदा करने की अनुमति थी. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रमुख और ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने लोगों से शांति बनाए रखने और निर्धारित कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की है.
मेरठ में जागरण करने की नहीं मिली अनुमति
पुलिस ने कहा कि मेरठ प्रशासन ने कुछ हिंदू समूहों को जागरण करने की अनुमति नहीं दी है. ईद उल-फितर की पूर्व संध्या पर मुस्लिम बहुल इलाके हाशिमपुरा में ‘जागरण’ आयोजित करने की योजना बना रहे थे. पुलिस अधीक्षक (एसपी) शहर, विनीत भटनागर ने गुरुवार को कहा कि इस तरह के आयोजन की अनुमति देने की कोई संभावना नहीं है.
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Tags: Eid, High security
FIRST PUBLISHED : May 01, 2022, 12:19 IST