Opinion: अब तक अमरिका के पीछे रहने वाले यूरोपिय यूनियन को सरकार ने कैसे भारत का लोहा मनवाया
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रायशीना डायलॉक में पश्चिमी देशों के दोहरे मापदंडों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिमी देशों को भारत के स्वतंत्र विदेश नीति के होने की बात दोहराई है. जयशंकर का कहा है कि भारत हमेशा से ही नियम-आधारित व्यवस्था का पक्षधर रहा है. खुद इसका पालन करता है और उम्मीद करता है कि दुनिया के सभी देशों से इसका पालन करे . उनका कहना है कि विडंबना है कि कुछ समय पहले जब एशिया में इस नियम-आधारित व्यवस्था को चुनौती मिल रही थी तो यूरोप के देश हमें ज्ञान और नसीहत दे रहे थे और कह रहे थे कि हमें व्यापार पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. जबकि आज जब यूरोप में वही नियम-आधारित व्यवस्था को खतरा पैदा हुआ है तो हम ऐसा नहीं कर रहे हैं.
विदेश मंत्री के बयान के मायने
विदेश मामलों के जानकार कमर आगा का मानना है कि विदेश मंत्री इस जयशंकर ने जो बयान दिया है वह भारत की वैश्विक भूमिका के अनुसार काफी महत्वपूर्ण है. भारत की हमेशा से महत्वपूर्ण छवि रही है और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया में अपना प्रभाव छोड़ा है.
उनका कहना है कि अमेरिका और यूरोप के साथ-साथ रूस भी भारत का पुराना और भरोसेमंद मित्र देश रहा है. आज की बात करें तो रूस भारत को सस्ती कीमतों पर कच्चा तेल उपलब्ध करा रहा है वह भी तब जब वैश्विक बाज़ार पर कच्चे तेल की कीमत लगातार बढ़ रही है. कमर आगा मानते हैं कि अमेरिका और यूरोपीय देशों ने पहले से ही वेनेजुएला और ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखें हैं जिसके कारण वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति प्रतिकूल तौर पर प्रभावित है और इसका परिणाम हम अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की बढ़ती कीमतों के तौर पर भी देख सकते हैं.उनका यह भी कहना है कि रूस ने अभी पोलैंड सहित कुछ देशों पर प्रतिबंध लगाए हैं इसका भी प्रतिकूल असर कच्चे तेल पर पड़ेगा और इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत बढ़नी तय हैं.
ऐसे में अगर भारत रूस के साथ अपने व्यापार को कम करता है या खत्म करता है तो इसका प्रतिकूल प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. कमर आगा का कहना है कि यही कारण है कि अमेरिका के कई सहयोगी देश आपकी भी रूस के साथ व्यापार को बनाए हुए हैं.
इसके साथ ही साथ कमर आगा मानते हैं कि भारत ने रूस और यूक्रेन संकट के दौरान अपनी भूमिका को निभा रहा है. भारत दोनों पक्षों को लगातार बातचीत के माध्यम से समस्या का समाधान करने की अपील भी कर रहा है साथ ही साथ इसके लिए अपना पूरा सहयोग भी दे रहा है.
कमर आगा का मानना है कि भारत की पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक छवि और शक्ति दोनों बड़ी है और भारत एक बड़े बाज़ार के साथ साथ एक बड़ी आर्थिक ताकत के तौर पर उभरा है. भारत बड़ा उपभोक्ता होने के साथ-साथ दुनिया का बड़ा निर्यातक देश भी है. पिछले वित्तीय वर्ष में भारत में वस्तुओं के निर्यात में 400 बिलियन डॉलर का आंकड़ा छुआ है जो भारत की शक्ति को बताता है. ऐसे में भारत दूसरों की शर्तो पर नहीं बल्कि अपनी शर्तों और सही मायने में वैश्विक नियमों के अनुरूप काम करता है. रूस और यूक्रेन संकट के दौरान भारत का यही रुख रहा और कमर आगा इसी परिपेक्ष में विदेश मंत्री एस जयशंकर के दो टूक जवाब को देख रहे हैं. और यही कारण है कि भारत पर अमेरिका और यूरोप के देश ज्यादा दबाव नहीं बना पा रहे. एक मायने में वे भारतीय स्वतंत्र विदेश नीति का सम्मान कर रहे हैं और लोहा मान रहे है.
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Tags: European union, PM Modi, S Jaishankar
FIRST PUBLISHED : April 29, 2022, 13:03 IST