भागलपुरी जर्दालू आम की खुशबू और स्वाद के दीवाने हैं तो तुरंत यहां कराएं रजिस्ट्रेशन, इस बार 500 क्विंटल आम जाएगा विदेश
पटना. भारत में आम का सीजन (Mango Season) शुरू हो गया है और हर बार की तरह इस बार भी भागलपुरी जर्दालू आम (Bhgalpuri Jardalu Mango) की डिमांड पहले की तुलना में बढ़ गई है. बिहार सरकार (Bihar Government) के निर्देश पर भागलपुर जिला प्रशासन जर्दालू आम को इस बार पहले की तुलना में ज्यादा विदेश भेजने (Mango export) की अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि इस बार भागलपुर से 500 क्विंटल से भी ज्यादा जर्दालू आम विदेश भेजने की तैयारी है. इसके लिए अब तक कुल 27 किसानों ने एपिडा (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) के फॉर्म रजिस्ट्रेशन पर रजिस्ट्रेशन कराया है. जिला प्रशासन का कहना है कि 100 से ज्यादा जर्दालू आम उत्पादक किसानों का और रजिस्ट्रेशन होगा. जिला प्रशासन का कहना है कि एपिडा (Apida) में रजिस्ट्रेशन करने वाले किसानों का जियो टैंगिंग एक सप्ताह के अंदर पूरा हो जाएगा.
बता दें कि जर्दालू आम की गिनती दुनिया के सबसे उन्नत आम की किस्मों में की जाती है. जर्दालू आम की डिमांड दुनिया के कई देशों में बढ़ती ही जा रही है. इसलिए भागलपुर के प्रसिद्ध जर्दालू आम को साल 2018 में जिओग्राफिककल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिला था. पिछले कुछ सालों से बिहार सरकार, भारतीय उच्चायोग और इन्वेस्ट इंडिया के साथ भागीदारी में एपिडा ने जर्दालू आम का निर्यात कर रही है.
बिहार सरकार के निर्देश पर सभी जिलों में आम के मंजर को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है.
जर्दालू आम का स्वाद इस बार होगा महंगा!
बिहार के इन आमों को यूपी के लखनऊ में एपिडा के पैकहाउस में पैक कर विदेशों में भेजा जाता है. जर्दालू आम अनूठी सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है. वर्षों से इस आम को दिल्ली के लुटियंस इलाके के कई हिस्सों में बांटा जाता है. इस आम को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी सहित देश में स्थित सभी देशों के उच्चायुक्त को भी भेजा जाता है. इसके साथ ही अन्य बड़े मंत्रियों, अधिकारियों के साथ-साथ सांसदों औऱ विधायकों को भी भेजा जाता है.
इस बार आम का मंजर है शानदार
गौरतलब है कि एपिडा गैर पारम्परिक क्षेत्रों से आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार कदम उठाने में लगी हुई है. भारतीय आमों जीआई प्रमाणित खीरसपाती और लक्ष्मणभोग (पश्चिम बंगाल) और जर्दालू (बिहार) सहित फल की 16 किस्मों का निर्यात किया जाता है. एपिडा आम के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए खरीदार-विक्रेता बैठक और महोत्सव का आयोजन करता रहा है. एपिडा ने पिछले साल भारतीय दूतावासों के साथ मिलकर बर्लिन, जर्मनी के साथ ही जापान में आम महोत्सव का आयोजन किया था.
बिहार के इन आमों को यूपी के लखनऊ में एपिडा के पैकहाउस में पैक कर विदेशों में भेजा जाता है.
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आम को सभी फलों का राजा भी कहा जाता है. बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक सहित देश के कई हिस्सों में इस बार आम की बंपर पैदावार होने की संभावना है. हालांकि, बीते दिनों आम के मंजर को काफी नुकसान पहुंचा है. इसके बावजूद बिहार और उत्तर प्रदेश में इस बार आम की फसल को देख कर लग रहा है कि किसानों को चांदी होगी. इसलिए बिहार सरकार के निर्देश पर सभी जिलों में आम के मंजर को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है. कीटनाशक का प्रयोग से लेकर पूरा रख-रखाव कृषि विभाग कर रही है.
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