कोविड से निपटने, टीकों की मांग पूरी करने में विफल ‘बेशर्म प्रधानमंत्री’: ममता
विधानसभा में अपने संबोधन में बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल को अब तक टीके की दो करोड़ खुराक मिली हैं जो राज्य की आबादी के लिहाज से ‘‘पूरी तरह से अपर्याप्त हैं’’ और ऐसी परिस्थितियों में सभी को नि:शुल्क टीके लगाना उनकी सरकार के लिए एक चुनौती है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2.26 करोड़ लोगों को टीके लगा दिए हैं. इसके लिए हमें टीके की कम से कम 26 लाख खुराकें खरीदनी पड़ीं जबकि केंद्र ने वादा किया था कि वह आवश्यक संख्या में खुराकें उपलब्ध करवाएगा.’’
ममता ने पूछा सवाल
मुख्यमंत्री ने यह भी पूछा कि देश में टीकाकरण अभियान के खर्च को उठाने के लिए पीएम केयर्स कोष से धन का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया.
उन्होंने दावा किया कि केंद्र अपनी दोषपूर्ण नीतियों के कारण कोविड संकट से नहीं निपट सका. बनर्जी ने कहा, ‘‘केंद्र की कौशलहीन नीतियों के बावजूद हम वायरस पर लगाम लगाने में सफल रहे. हमारे बेशर्म प्रधानमंत्री ने देश को निराश किया लेकिन टीकाकरण प्रमाणपत्रों से लेकर होर्डिंगों तक सभी में उनकी तस्वीर है. मैंने कई प्रधानमंत्री देखे हैं, लेकिन कोई भी इतना बेशर्म नहीं.’’
बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल ने महामारी की संभावित तीसरी लहर के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को आड़े हाथ लेते हुए बनर्जी ने कहा, ‘‘हमने कई दिन तक नदियों में लाशें तैरते देखीं. कुछ शव तो नदियों में बहकर हमारे राज्य तक पहुंच गये. क्या वे जानते भी हैं कि उत्तर प्रदेश में कितने लोगों की मौत हुई?’’
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल पर उंगली उठाने वालों को आइने में देखना चाहिए. भाजपा पर हमले जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक शिष्टाचार और शालीनता नहीं जानते और विधानसभा में दो जुलाई को राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अभिभाषण के दौरान हुए हंगामे से यह बात जाहिर हो गयी है.
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