केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की खरी-खरी: आतंकवाद का सफाया जरूरी, तभी होगी मानवाधिकारों की रक्षा
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि आतंकवाद का सफाया जरूरी है, क्योंकि मानवाधिकारों के उल्लंघन की सबसे बड़ी वजह आतंकवाद ही है. राष्ट्रीय जांच अभिकरण (NIA) के 13वें स्थापना दिवस के मौके पर दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में बालेते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब भी आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जाता है तो कुछ मानवाधिकार वादी समूह मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठाते हैं, लेकिन मैं हमेशा से मानता हूं कि आतंकवाद ही इसकी मुख्य वजह है. मानवाधिकारों की रक्षा करने के लिए आतंकवाद को जड़ से खत्म करना बेहद आवश्यक है. इस कार्यक्रम में गृह राज्यमंत्री द्वय अजय मिश्रा टेनी व निशिथ प्रमाणिक भी मौजूद थे.
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि अपनी स्थापना के बाद से एनआईए ने 400 केस दर्ज किए हैं. इनमें से 349 में आरोप पत्र दायर किया जा चुका है. इस राष्ट्रीय जांच एजेंसी की दोष सिद्धि की दर 93.25 फीसदी है. हमने एनआईए (NIA) व गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून (UAPA) को मजबूत किया है. अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी को विदेशों में भारतीयों के खिलाफ होने वाले अपराधों की पड़ताल का भी जिम्मा दिया गया है. गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आतंकवाद के खिलाफ ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति अपना रही है और भारत इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रहा है.
उन्होंने कहा कि पिछले 7 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के खिलाफ एनआईए की बड़ी कार्रवाई से आतंकियों की कमर टूटी है, 100 से ज्यादा लोगों को एनआईए ने टेरर फंडिंग केस में सजा दिलवाई है. ओवर ग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ कार्रवाई से कश्मीर में आतंकियों के स्लीपर सेल के मंसूबे पूरी तरीके से ध्वस्त हुए हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के खिलाफ हुई कार्रवाई की तर्ज पर ही देश में वामपंथी उग्रवाद की फंडिंग के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. देशभर के अलग-अलग राज्यों की विशेष यूनिट जैसे एटीएस, नार्कोटिक्स व अन्य एजेंसियों के साथ नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी का लाइव संपर्क स्थापित होगा.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोडस ऑपरेंडी ब्यूरो का गठन होगा, जिससे जो नए-नए शातिर गिरोह पनप रहे हैं, उनकी गतिविधियों का आकलन जांच एजेंसियां कर पाएंगी. फेशियल रिकॉग्निशन कानून जो संसद में पास हुआ है, उससे राष्ट्रीय स्तर पर डेटाबेस बनाने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी. देश भर की अलग-अलग जांच एजेंसियों से जानकारी इकट्ठा कर सेंट्रल डेटाबेस बनाने का काम जल्द ही पूरा होगा. एनआईए की तारीफ करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह जांच एजेंसी राष्ट्र की सुरक्षा में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी को अक्सर ऐसे केस ही सौंपे जाते हैं जिनमें सबूतों को ढूंढ पाना बहुत मुश्किल होता है. लेकिन एनआईए ने अपने काम से अन्य सभी जांच एजेंसियों को प्रेरित किया है.
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