शहबाज शरीफ बने पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री, सीनेट अध्यक्ष ने दिलाई पद की शपथ
इस्लामाबाद. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ ने सोमवार को पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. इसके साथ ही पिछले एक महीने से पाकिस्तान में उपजा राजनीतिक संकट का पटाक्षेप हो गया है. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में पहले तो इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने शाह मुहम्मद कुरैशी को पीएम पद के लिए नामांकन दाखिल करवा दिया लेकिन बाद में वोटिंग के समय इमरान की पार्टी के सदस्यों ने वॉक आउट कर दिया. इसके बाद नेशनल असेंबली में 174 वोटों से स्पीकर सादिक संजरानी ने शाहबाज शरीफ को विजेता घोषित कर दिया. इसके बाद शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री के लिए नियत सीट पर बैठने के लिए कहा.
राष्ट्रपति के बदले सीनेट अध्यक्ष ने दिलाई शपथ
सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की अनुपस्थिति में 70 वर्षीय शहबाज को पद की शपथ दिलाई. अल्वी पीएमएल-एन नेता के शपथ लेने से पहले ‘अस्वस्थता’ के कारण छुट्टी पर चले गए. इससे पहले, पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संसद में मतदान में भाग नहीं लेने और वॉकआउट करने की घोषणा की थी, जिसके बाद शहबाज प्रधानमंत्री पद की दौड़ में अकेले उम्मीदवार रह गए थे. स्पीकर अयाज सादिक ने इस सत्र की अध्यक्षता की और नतीजों की घोषणा की कि शरीफ को 174 वोट मिले और उन्हें पाकिस्तान इस्लामी गणराज्य का प्रधानमंत्री घोषित किया जाता है. इससे पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने कहा था कि उनकी अंतरात्मा सत्र के संचालन की इजाजत नहीं देती.
तीन बार पंजाब के सीएम
शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे. वे तीन बार पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे. पिछले 40 साल से वे पाकिस्तान की राजनीति में हैं. शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के मशहूर बिजनेसमैन मियां मुहम्मद शरीफ के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं. शाहबाज ने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. वे पहली बार 1985 में राजनीतिक जीवन में तब आए जब उन्हें लाहौर चैंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन बनाया गया था. 1988 में शाहबाज शरीफ पंजाब एसेंबली के लिए मेंबर चुने गए. 1990 में वे नेशनल असेंबली के लिए चुने गए. लेकिन 1993 में वे दोबारा पंजाब एसेंबली में वापस आ गए जहां 1996 तक वे विपक्ष के नेता रहे. 1997 में वे पहली बार पंजाब प्रांत के चीफ मिनिस्टर बने. पंजाब पाकिस्तान का सबसे प्रभावशाली प्रांत है. पाकिस्तान में नवाज शरीफ को सेना द्वारा अपदस्थ करने के बाद शाहबाज शरीफ को जेल में डालकर 8 साल तक निर्वासन के रूप में भेज दिया. 2008 में उन्होंने वापसी की और फिर पंजाब के सीएम बने. 2013 में वे तीसरी बार पंजाब प्रांत के सीएम बने. 2018 में नेशनल असेंबली में आ गए और तब से वे विपक्ष के नेता थे.
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